L&T IDPL Acquisition: भारत में फाइनैंशियल सर्विस सेक्टर में शुमार एडलवाइस ग्रुप (Edelweiss Group) की सब्सिडियरी कंपनी एडलवाइस आल्टरवनेटिव्स (Edelweiss Alternatives) ने इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट कंपनी एलएंडटी इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स (L&T IDPL ) का आज अधिग्रहण पूरा कर लिया है। Edelweiss Alt ने इस अधिग्रहण के लिए 6,000 करोड़ रुपये का भुगतान किया।
गौरतलब है कि L&T IDPL एक जॉइंट वेंचर है जिसमें लॉर्सन एंड टुब्रो (L&T) की 51 फीसदी हिस्सेदारी है, जबकि कनाडा पेंशन प्लान इन्वेस्टमेंट बोर्ड (CPPIB) की 49 फीसदी हिस्सेदारी है। आज हुई डील के मुताबिक, Edelweiss Alternatives ने L&T की पूरी यानी 100 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली है।
इस सौदे के तहत Edelweiss को 4,400 लेन-किलोमीटर तक फैली सात सड़क संपत्तियों (road assets) और 960 सर्किट किलोमीटर (CKM) की बिजली ट्रांसमिशन लाइन (960 circuit km power transmission line) का पोर्टफोलियो मिलेगा।
कंपनी के बयान के मुताबिक, अधिग्रहण के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर प्लेटफॉर्म का कुल पोर्टफोलियो 26 संपत्तियों (assets) तक बढ़ जाएगा, जिसमें 5,000 लेन-किमी (किलोमीटर) सड़कें, 1,800 CKM बिजली ट्रांसमिशन लाइन और 813 मेगावाट रिन्यूबल एनर्जी शामिल है। कुल मिलाकर इससे जो सालाना रेवेन्यू मिलेगा यानी कुल पोर्टफोलियो का Cumulative annual revenue, वह 3,000 करोड़ रुपये होगा।
L&T के एक बयान में कहा गया है कि हिस्सेदारी का अधिग्रहण एडलवाइस इंफ्रास्ट्रक्चर यील्ड प्लस स्ट्रैटेजी (Edelweiss Infrastructure Yield Plus Strategy) के द्वारा निवेश की गई कंपनी एपिक कंसेशनेस (Epic Concesiones) द्वारा किया गया है, जिसका मैनेजमेंट एडलवाइस अल्टरनेटिव एसेट एडवाइजर्स (Edelweiss Alternative Asset Advisors) करती है।
इस अधिग्रहण पर बयान देते हुए एडलवाइस अल्टरनेटिव्स में इंफ्रास्ट्रक्चर यील्ड स्ट्रैटेजी के प्रबंध निदेशक (MD) श्रीकुमार चत्रा (Sreekumar Chatra) ने कहा कि एसेट्स के पास रेवेन्यू और ऑपरेशन का एक शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है।
Edelweiss Alternatives फाइनैंशियल सर्विस ग्रुप एडलवाइस समूह की सब्सिडियरी कंपनी है। कंपनी एसेट मैनेजमेंट बिजनेस के जरिये करीब 19 बिलियन डॉलर के म्यूचुअल फंड और अल्टरनेटिव एसेट्स को मैनेज करती है।
Edelweiss Alternatives करीब एक दशक से भारत में प्राइवेट डेट और रियल एस्टेट के लिए एसेट मैनेजमेंट का काम कर रही है।
बता दें कि L&T IDPL को खरीदने से जुड़े सौदे की घोषणा पहली बार दिसंबर, 2022 में की गई थी। उस दौरान खबर आई थी कि IDPL के विनिवेश के बाद इंजीनियरिंग क्षेत्र की दिग्गज कंपनी Larsen & Toubro पंजाब में नाभा पावर (Nabha Power) संभावित खरीदारों को बेचने के साथ-साथ हैदराबाद मेट्रो (Hyderabad Metro) में अपनी हिस्सेदारी 26 प्रतिशत कम करने पर विचार कर रही है। नाभा पावर और हैदराबाद मेट्रो दोनों ही L&T की सब्सिडियरी कंपनियां हैं। उस दौरान L&T का उद्देश्य इन फर्मों के बहीखातों (ledgers) पर 18,000 करोड़ का कर्ज कम करना बताया गया था।