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वित्त वर्ष 2023 की जनवरी-मार्च तिमाही में कंपनियों के शुरुआती नतीजे शानदार दिख रहे थे लेकिन बाद में और कंपनियों के नतीजे आने के बाद थोड़ी नरमी दिख रही है। चौथी तिमाही के लिए अभी तक 390 कंपनियों ने नतीजे जारी किए हैं, जिनका एकीकृत शुद्ध मुनाफा पिछले साल जनवरी-मार्च से महज 2.3 फीसदी बढ़ा है, जो वित्त वर्ष 2021 की पहली तिमाही के बाद सबसे कम मुनाफा वृद्धि है। वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में इन कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा 47.6 फीसदी और वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 3.4 फीसदी बढ़ा था। आय वृद्धि की रफ्तार कम होने और ऊंची ब्याज दरों के कारण ब्याज लागत बढ़ने से इन कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ा है।
बिज़नेस स्टैंडर्ड के नमूने में शामिल कंपनियों की कुल शुद्ध बिक्री वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में साल भर पहले के मुकाबले 13.8 फीसदी बढ़ी, जो पिछली 9 तिमाही में सबसे कम वृद्धि है। इसकी तुलना में वित्त वर्ष 2022 की चौथी तिमाही में इन कंपनियों की शुद्ध बिक्री 22.4 फीसदी और वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 18.7 फीसदी बढ़ी थी।
कंपनियों की कमाई पर सबसे ज्यादा चोट ऊंची ब्याज लागत से पड़ी है। नमूने में शामिल कंपनियों का ब्याज पर कुल खर्च वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में जनवरी-मार्च 2022 के मुकाबले 37.7 फीसदी बढ़ गया, जो पिछली 17 तिमाही में सबसे ज्यादा बढ़ोतरी है।
जिंसों की कम लागत से कंपनियों को जितना फायदा मिला था, वह ब्याज की ऊंची लागत के कारण साफ हो गया। नमूने में शामिल कंपनियों की कच्चे माल की लागत पिछले वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में महज 0.8 फीसदी बढ़ी, जिससे अधिकतर विनिर्माण कंपनियों के सकल मार्जिन में सुधार हुआ है। बैंकों और वाहन कंपनियों के बेहतर प्रदर्शन के बावजूद कुल मिलाकर कंपनियों की कमाई कमजोर रही।
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मोतीलाल ओसवाल सिक्योरिटीज के गौतम दुग्गड़ और देवेन मिस्त्री ने कहा, ‘BFSI और वाहन कंपनियों की अगुआई में समेकित आधार पर मजबूत प्रदर्शन दिख रहा था लेकिन धातु और खनन कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद से कमजोर रहने के कारण व्यापक स्तर पर इसका लाभ नहीं मिल पाया।’
कंपनियों की कमाई में बैंक, वित्तीय और बीमा क्षेत्र (BFSI) वृद्धि का इंजन बना रहा, लेकिन इसकी रफ्तार थोड़ी धीमी पड़ी। नमूने में शामिल BFSI कंपनियों का समेकित शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 13.6 फीसदी बढ़ा, जो इससे पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 71.6 फीसदी और वित्त वर्ष 2023 की तीसरी तिमाही में 37.3 फीसदी बढ़ा था। समीक्षाधीन तिमाही में कंपनियों की कुल कमाई में बीएफएसआई कंपनियों की हिस्सेदारी 39.2 फीसदी रही, जो किसी अन्य क्षेत्र की तुलना में अधिक है।
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BFSI कंपनियों को ऊंची उधारी दर और ऋण की मांग बढ़ने से फायदा मिला है लेकिन बैंक जमा और थोक उधारी में ब्याज दरें बढ़ने से उनके मुनाफे पर थोड़ा असर पड़ा है। BFSI कंपनियों की कुल सकल ब्याज आय वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में सालाना आधार पर 28.2 फीसदी बढ़ी, जो पिछले चार साल में सर्वाधिक है। लेकिन ब्याज खर्च इस दौरान 36.8 फीसदी बढ़ा है।
BFSI कंपनियों को निकाल दें तो नमूने में शामिल कंपनियों का कुल शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2023 की चौथी तिमाही में 3.8 फीसदी घटा है। इन कंपनियों की शुद्ध आय 8.5 फीसदी बढ़ी है।