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भारतीय इंडस्ट्री ESG अनुपालन को तैयार, सेबी ने दी BRSR कोर मॉडल को मंजूरी

Published by
खुशबू तिवारी
Last Updated- May 05, 2023 | 11:55 PM IST

भारतीय उद्योग जगत को ESG अनुपालन से संबं​धित मानकों को पूरा करने की चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। उद्योग के जानकारों का मानना है कि भले ही पर्यावरण, समाज और प्रशासन (ESG) खुलासों पर नया ढांचा सबसे पहले शीर्ष-150 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए लागू होगा, लेकिन सैकड़ों छोटी कंपनियों, सहायक इकाइयों, और थर्ड पार्टी कंपनियों पर भी उसका प्रभाव पड़ेगा।

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने हाल में ज्यादा जटिल, लेकिन आश्वासन-केंद्रित बिजनेस रिस्पॉन्सिबिलिटी ऐंड सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग (Business Responsibility and Sustainability Reporting- BRSR)) कोर मॉडल को स्वीकृति दी है, जिस पर अगले वित्त वर्ष से अमल होना है।

पर्यावरण संबं​​धित खुलासों के लिए नए मानकों में ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन, जल अपशिष्ट, खपत एवं प्रबंधन पर आश्वासन की जरूरत होगी। नए विस्तृत स्वरूप में प्रत्येक बिक्री एवं खरीद ऑर्डर स्तर पर ईएसजी संबं​धित जानकारी (खासकर निर्माण कंपनियों के लिए) जुटाने की जरूरत होगी।

नए ढांचे को बाजार नियामक द्वारा मंजूरी दिए जाने के एक महीने के अंदर शीर्ष सूचीबद्ध कंपनियों ने नए मानकों की समीक्षा और सभी भागीदारों तथा आपूर्तिकर्ताओं के साथ आंकड़ा संग्रह प्रणालियों पर काम करना शुरू कर दिया है। विश्लेषकों का कहना है कि कई ESG मोर्चे पर हो रहे बदलावों का सामना कर रही हैं।

डेलॉयट इंडिया में पार्टनर इंदरजीत सिंह ने कहा, ‘कई वै​श्वि​क आपूर्तिकर्ता कॉरपोरेट सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग डायरे​क्टिव (CSRD) पर अमल करेंगे। दूसरी तरफ, बीआरएसआर कोर उचित आश्वासनों पर आधारित है। इस अंतर से भारतीय निर्माताओं तथा ओईएम के लिए आपूर्तिकर्ताओं को डेटा जुटाना ज्यादा चुनौतीपूर्ण कार्य बन जाएगा।’

इसके अलावा, कंपनियां वर्ष के अंत के बजाय हरेक तिमाही के बाद ऐसे गैर-वित्तीय जानकारियां देने की परंपरा शुरू कर सकती हैं।

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सेबी ने शीर्ष 1,000 सूचीबद्ध कंपनियों के लिए BRSR का पिछला ढांचा अनिवार्य बना दिया है। हालांकि नए BRSR कोर की पहुंच वित्त वर्ष 2027 तक धीरे धीरे टॉप 1,000 लिस्टेड कंपनियों तक हो जाएगी। चूंकि नया मॉडल भारत-केंद्रित मानकों और लक्ष्यों पर आधारित है, इसलिए उद्योग के विश्लेषकों का मानना है कि कंपनियां निवेशकों की वि​भिन्न जरूरतें पूरी करने के लिए दो अलग अलग ईएसजी रेटिंग पर जोर दे सकती हैं।

सिंह ने कहा, ‘BRSR कोर के लिए सेबी के नियमों में कंपनियों को वै​श्विक मानकों पर रैं​किंग के संदर्भ में कोई रोक नहीं लगाई गई है। इसलिए इसकी संभावना है कि कंपनियां दो अलग अलग रेटिंग से जुड़ी रह सकती हैं- एक भारतीय मानकों और दूसरी वै​श्विक निवेशकों के लिए। इस साल से हमें सक्रिय ईएसजी रेटिंग प्रदाताओं द्वारा भारत में नियमों के संबंध में अपने रुख में बदलाव लाए जाने की संभावना नहीं है।’

अन्य बड़ा बदलाव ‘सोशल’ मानकों पर महसूस किया जा रहा है, जिसमें कर्मियों की बेहतरी, सुरक्षा संबं​धित घटनाक्रम, कामकाजी घंटों, महिलाओं को ​दिए जाने वाले सकल पारिश्रमिक आदि से जुड़े उपायों के संबंध में आश्वासन अनिवार्य किया गया है।

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Agama Law Associates के मैनेजिंग पार्टनर नितिन जैन ने कहा, ‘नए खुलासों में अब ​लैंगिक विविधता के दावों पर ज्यादा पारद​र्शिता की उम्मीद की जा रही है। इसके अलावा, खासकर कर्मचारी प्र​शिक्षण एवं कल्याण, सुरक्षा के लिए नीतियों पर केंद्रित खुलासों में नया नियम पेश किया गया है और अनुबं​धित कर्मचारियों के मुकाबले स्थायी कर्मियों के आधार पर विस्तृत आंकड़ा जुटाया जा रहा है।’

First Published : May 5, 2023 | 9:11 PM IST