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सेबी ने ट्रांजीशन बॉन्डों के लिए अतिरिक्त खुलासे तय किए, सर्कुलर जारी कर दिया समिति बनाने का निर्देश

Published by
खुशबू तिवारी
Last Updated- May 05, 2023 | 11:55 PM IST

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने ट्रांजीशन बॉन्डों (ग्रीन डेट प्रतिभूतियों की उप-श्रेणी) के निर्गम से संबं​धित अतिरिक्त खुलासे निर्धारित किए हैं। इस कदम का मकसद गलत तरीके से आवंटन पर लगाम लगाना है।

बाजार नियामक ने कंपनियों से अंतरिम लक्ष्यों की पहचान करने को कहा है, जैसे वे उत्सर्जन घटाने के लिए किस तरह से योजना बनाएंगी, परियोजना क्रियान्वयन रणनीति, क्रियान्वयन के लिए तकनीकी कैसी होगी, और ट्रांजीशन बॉन्डों के जरिये जुटाए गए फंड के इस्तेमाल पर नजर रखने की व्यवस्था क्या होगी।

4 मई को जारी एक सर्कुलर में सेबी ने निर्गमकर्ताओं (issuers) को संबद्ध लक्ष्य समय पर पूरा करने और इनके अमल पर नजर रखने के लिए एक स​मिति बनाए जाने का भी सुझाव दिया है।

ऐसे बॉन्ड जारी करने वाली कंपनियों को ट्रांजीशन बॉन्डों को खास बनाए जाने के लिए GB-T मानकों का इस्तेमाल करने का भी निर्देश दिया गया है।

बाजार नियामक ने शुरू में ग्रीन डेट प्रतिभूतियों की परिभाषा में किया था, जिसके तहत ट्रांजीशन बॉन्ड ऐसे फंड होते हैं जिन्हें परिचालन के ज्यादा मजबूत स्वरूप के संबंध में जुटाया जाता है।

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इसके अलावा, निर्गमकर्ताओं को अपनी सालाना रिपोर्टों में क्रियान्वयन की प्र​गति के सं​क्षिप्त विवरण के साथ ट्रांजीशन योजना का खुलासा करना होगा।

ट्रांजीशन प्लान में किसी तरह के संशोधन के मामले में, कंपनी को स्टॉक एक्सचेंजों को इसके बारे में खुलासा करना होगा और साथ ही इन बदलावों की भी जानकारी मुहैया करानी होगी।

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सेबी ने कहा है कि अतिरिक्त खुलासे की जरूरत से निवेशकों में पारद​र्शिता लाने और उन्हें निर्णयों से अवगत कराने में मदद मिलेगी। इससे यह भी सुनि​श्चित होगा कि ट्रांजीशन बॉन्डों द्वारा जुटाई जा रही रा​शि का गलत तरीके से इस्तेमाल न हो।

स्टॉक एक्सचेंजों को ऐसे खुलासों पर लगातार नजर रखने का निर्देश दिया गया है।

First Published : May 5, 2023 | 7:44 PM IST