अप्रैल में देसी इक्विटी अच्छी खासी तेजी के बावजूद काफी कम निवेशक कुछ महीने पहले के मुकाबले अपने ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने पहुंचे। शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में रखने के लिए जरूरी करीब 15.9 लाख नए डीमैट खाते दो डिपॉजिटरीज CDSL व NSDL के पास खोले गए और कुल डीमैट खातों की संख्या अप्रैल में 11.60 करोड़ हो गई। अप्रैल में खुले नए डीमैट खाते वित्त वर्ष 23 के मासिक औसत 20.7 लाख के मुकाबले 23 फीसदी कम रहे।
अप्रैल में निफ्टी में 4.1 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई और यह इंडेक्स अहम वैश्विक इक्विटी बाजारों के बेंचमार्क में सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला रहा, जिसकी वजह विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों की तरफ से निवेश और जनवरी-मार्च तिमाही के उत्साहजनक नतीजे रही।
निफ्टी मिडकैप 100 में अप्रैल के दौरान 5.9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज हुई जबकि निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 7.5 फीसदी की उछाल आई। FPI ने अप्रैल में 11,631 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
बाजार के विशेषज्ञों ने कहा कि इक्विटी में सीधे निवेश करने वाले निवेशकों की मामला अब सैचुरेशन पॉइंट में पहुंच गया है। IPO की संख्या में कमी ने इस प्रवृत्ति में योगदान किया है।
सैमको सिक्योरिटीज के सीईओ जिमीत मोदी ने कहा, ज्यादा डीमैट खाते खुलने के लिए आयकर और पैन का फैलाव जरूरी है। हम एक सीमा पर पहुंच चुके हैं। हमारे यहां पहले ही 11.6 करोड़ डीमैट खाते हैं। करीब आधे डीमैट खाते सेकंड यानी दूसरे खाते होंगे। कभी-कभी निवेशक बैकअप रखते हैं और कभी-कभार आयकर के मकसद से लोग अपने निवेश एक खाते में रखते हैं जबकि ट्रेडिंग किसी अन्य खाते के जरिये करते हैं। जब तक अपेक्षित बाजार में वृद्धि नहीं होती, हमें डीमैट खातों की संख्या में तेजी शायद ही देखने को मिलेगी।
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मोदी ने यह भी कहा कि अप्रैल में ट्रेडिंग व कामकाज के दिन महज 17 रहे, जो कम ट्रेडिंग व कामकाज के दिनों में से एक है। उन्होंने कहा, अप्रैल में तीन ट्रेडिंग हॉलिडे रहे, जो इस साल का सर्वोच्च स्तर है। साथ ही छुट्टियों का भी थोड़ा असर रहा, जिसके कारण कम डीमैट खाते खुले।
साल 2023 में IPO के सुस्त बाजार का भी नए डीमैट खातों में बढ़ोतरी न होने में योगदान रहा क्योंकि नए इश्यू निवेशकों को बाजार की ओर आकर्षित करते हैं। अप्रैल 2023 तक महज 5 IPO ही बाजार में पेश हुए हैं।
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मोदी ने कहा, ऐतिहासिक तौर पर डीमैट खाते खुलने के लिहाज से सबसे अच्छा महीना उन वर्षों में रहा है जब बड़े आईपीओ पेश हुए हैं। यह साल IPO के लिहाज से पिछले वर्षों के मुकाबले सुस्त रहा है। जब तक बड़े आईपीओ नहीं आते, डीमैट खातों की संख्या में खासी बढ़ोतरी मुश्किल है।