बीएस बातचीत
सितंबर तिमाही में मजबूत प्रदर्शन दर्ज करने के बाद अनिल अग्रवाल के नेतृत्व वाली कंपनी हिंदुस्तान जिंक आगामी ग्रामीण मांग को लेकर काफी आशान्वित है। कंपनी ने बाजार में अपनी पैठ गहरी करने के लिए एक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म लॉन्च किया है। हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्याधिकारी अरुण मिश्रा ने अदिति दिवेकर से बातचीत में कोविड-19 के प्रभाव के कारण कंपनी के कर्मचारियों के साथ जुड़ाव, मूल्यवर्धित उत्पाद आदि विभिन्न मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
आप आगे मांग परिदृश्य को कैसा दिख रहा है? क्या आपको कोई ऐसा प्रमुख क्षेत्र दिख रहा है जहां सीसा और जस्ता उत्पादों की मजबूत मांग होगी?
पूरे भारत में मांग बढ़ रही है। हमें इस्पात क्षेत्र से काफी सहारा मिल रहा है और कीमतें भी बढ़ रही हैं। इससे जस्ते की घरेलू बिक्री बढ़ाने में मदद मिल रही है। जहां तक वाहन क्षेत्र का सवाल है तो ट्रैक्टरों की दमदार बिक्री आंकड़ों के साथ बाजार सुधार की राह पर अग्रसर है। इससे नई बैटरी (सीसा) की बिक्री बढ़ रही है और लॉकडाउन के कारण बैटरी बदलने के कारण भी बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। हमने बैटरी विनिर्माताओं से मांग देखी है और हम उनकी सेवा करने में समर्थ हैं। हमें मांग में अधिकांश तेजी ग्रामीण क्षेत्रों में दिख रही है। नई कृषि नीति के तहत किसानों को बाजार का चयन करने की अनुमति दी गई है। इससे ग्रामीण क्षेत्र में कारोबार के नए मॉडल दिखेंगे जिससे ग्रामीण मशीनरी में वृद्धि होगी और यहां तक कि दोपहिया वाहनों की मांग में भी मदद मिलेगी।
क्या हिंदुस्तान जिंक ने वैश्विक महामारी के दौरान अपनी भर्ती रणनीति में बदलाव की है। कंपनी कम कर्मचारियों के साथ अपने उत्पादन स्तर का प्रबंधन कैसे कर रही है?
कर्मचारी जुड़ाव में थोड़ा बदलाव किया गया है। हमारे पास कुछ क्षेत्रों में कोविड-19 मामले हैं और जो संक्रमित हैं उन्हें अलग रखा जा रहा है। यह (खदान) विकास के आंकड़ों पर प्रभाव डालता है। हमें नहीं लगता है कि कोविड-19 का प्रभाव वित्त वर्ष 2022 की पहली तिमाही से पहले खत्म होगा। इसलिए हम ऑपरेटरों की ताकत बढ़ाने के लिए आक्रामक तरीके से काम कर रहे हैं। कोविड-19 के कारण परिचालन सेवा से व्यवधान के समय इनका हमेशा उपयोग किया जा सकता है। जहां तक संयंत्रों में वर्तमान कर्मचारियों का सवाल है तो कोविड-19 संकट के कारण पैदा होने वाली किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए हमारे पास 10 फीसदी अतिरिक्त कर्मचारी तैयार हैं।
इन आकस्मिक कर्मचारियों के कारण कंपनी की लागत पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
नियुक्ति की व्यवस्था ऐसी थी कि यदि आपको एक्स संख्या में उपकरणों का परिचालन करना है तो कारोबार भागीदार 3एक्स संख्या में ऑपरेटरों को तैनात करेगा जो संचालन का एक मानक तरीका है। अब चूंकि कर्मचारियों की संख्या कम है तो लागत ढांचे पर उसका प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखेगा क्योंकि यह उत्पादकता को काफी बढ़ावा देगा। घरेलू धातु कंपनियां मूल्यवर्धित उत्पाद श्रेणियों पर ध्यान केंद्रित कर रही हैं। हालांकि हिंदुस्तान जिंक औद्योगिक क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ध्यान दे रही है। मूल्यवर्धित उत्पादों पर अधिक ध्यान न देने का एक कारण यह भी है कि यह एक प्रीमियम श्रेणी है। हम मूल्यवर्धित श्रेणी के तहत अपनी कुल उत्पाद पोर्टफोलियो का लगभग 20 से 30 फीसदी हिस्सा लेना चाहते हैं। वर्तमान में हम बड़े पैमाने पर सामान्य उत्पादों की श्रेणी में हैं। हम उत्पाद विशेषताओं, गुणवत्ता मानकों और उत्पादन सुविधाओं को बेहतर करने की दिशा में काम कर रहे हैं। हम उन उत्पादों को देख रहे हैं जो आयात का विकल्प बन सकते हैं।
घरेलू धातु कंपनियां अपनी बाजार हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए खुदरा कोरोबार को दमदार तरीके से आगे बढ़ा रही हैं। बाजार में अपनी पैठ बढ़ाने के लिए हिंदुस्तान जिंक क्या कर रही है?
हमने वेदांत लिमिटेड में अपने वाणिज्यिक और विपणन तरीकों को पूरी तरह से बदल दिया है। हम हरेक ग्राहक के लिए एक संपर्क बिंदु तैयार करना चाहते हैं जहां तांबा, जस्ता, एल्युमीनियम मूल्यवर्धित उत्पादों की खरीद एक ही जगह हो सकती है। हमने अभी एक ई-कॉमर्स पोर्टल लॉन्च किया है जो गैर-लौह उद्योग में पहला ऐसा प्लेटफॉर्म है जहां केवल एक क्लिक से एक टन धातु खरीदी जा सकती है। हमारे मूल्य गतिशील हैं जो हर पांच सेकंड में बदल रहे हैं। वर्तमान में ग्राहक हिंदुस्तान जिंक के साथ पंजीकरण कर रहे हैं और धीरे-धीरे हम उसमें तेजी भी देख रहे हैं।
हम ग्राहकों के दरवाजे तक डिलिवरी सुनिश्चित करने के लिए लॉजिस्टिक्स पार्टनर चुनने में भी लगे हुए हैं और ऐसी व्यवस्था की जा रही है जहां ग्राहक निकटतम डिपो को चुन सकते हैं।