डिक्सन टेक्नोलॉजीज ने चीनी मोबाइल फोन विनिर्माता वीवो के साथ संयुक्त उद्यम की घोषणा की है, जिसमें डिक्सन की 51 फीसदी हिस्सेदारी रहेगी। इस संयुक्त उद्यम से घरेलू इलेक्ट्रॉनिकी विनिर्माण सेवा (ईएमएस) कंपनी को देश के कुल 28.8 करोड़ मोबाइल फोन असेंबली बाजार में 20 फीसदी हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिल सकती है।
काउंटरप्वाइंट टेक्नोलॉजीज के शोध निदेशक तरुण पाठक ने कहा, ‘वीवो के साथ इस सौदे से डिक्सन को स्मार्टफोन असेंबली कारोबार में अपनी हिस्सेदारी करीब 22 से 23 फीसदी बढ़ाने में मदद मिलेगी और इससे कंपनी को स्मार्टफोन और फीचर फोन वाले कुल मोबाइल बाजार में भी 20 फीसदी से अधिक हिस्सेदारी हासिल करने में मदद मिलेगी।’
सौदे की जानकारी रखने वाले सूत्रों के मुताबिक, डिक्सन के पास सालाना 4 करोड़ स्मार्टफोन बनाने की क्षमता है और कंपनी इस साल करीब 3 करोड़ फोन असेंबल कर रही है। दूसरी ओर, वीवो हर साल करीब 3 करोड़ स्मार्टफोन बेचती है, जिसका कुछ हिस्सा माइक्रोमैक्स से लिया जाता है और शेष वह अपने संयंत्र में असेंबल करती है।
समझौते के हिस्से के रूप में प्रस्तावित संयुक्त उद्यम खासतौर पर वीवो के लिए फोन बनाएगा, लेकिन डिक्सन अन्य प्रतिद्वंद्वियों के लिए भी फोन बनाना बरकरार रख सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि अगर वीवो फोन बनाने की पूरी जिम्मेदारी इस नए संयुक्त उद्यम को दे देती है तो डिक्सन का स्मार्टफोन का कुल उत्पादन एक बार में ही दोगुना होकर सालाना 6 करोड़ हो जाएगा। मगर इस मसले पर बातचीत जारी है।
हालांकि, सौदे की संरचना पर भी अभी काम किया जा रहा है और इसमें उनके संबंधित फोन कारखानों को संयुक्त उद्यम में विलय करना शामिल हो सकता है। चीनी कंपनी ने ग्रेटर नोएडा में कारखाना बनाने के लिए 3 हजार करोड़ रुपये से अधिक निवेश कर चुकी है और वहां से सालाना 12 करोड़ फोन बनाएगी।
विश्लेषकों ने कहा कि सौदा वीवो के लिए भी सही है, जो अपने स्मार्टफोन को स्थानीय स्तर पर ही बनाने पर जोर दे रही है। आखिरकार, चीन को छोड़ वीवो की कुल वैश्विक बिक्री में भारत की 58 फीसदी हिस्सेदारी है, जो श्याओमी के 22 फीसदी से कहीं ज्यादा है।
काउंटरप्वाइंट रिसर्च के मुताबिक, इस साल जनवरी से सितंबर के दौरान मोबाइल ईएमएस और मूल डिजाइन विनिर्माता (ओडीएम) कंपनियों में से डिक्सन शीर्ष पर था और कुल मोबाइल असेंबली बाजार में उसकी 18 फीसदी और कुल स्मार्टफोन असेंबली बाजार में 11 फीसदी हिस्सेदारी थी। यह पहले से ही पिछले साल के मुकाबले बड़ा इजाफा है। बीते साल इसकी मोबाइल असेंबली बाजार में कुल 14 फीसदी हिस्सेदारी थी और स्मार्टफोन असेंबली बाजार में कंपनी की हिस्सेदारी 7 फीसदी थी।
बाजार हिस्सेदारी बढ़ने में डिक्सन को उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना का फायदा मिला। उसने इसका लाभ लेते हुए सैमसंग, श्याओमी, नोकिया, एचएमडी और मोटोरोला जैसी कंपनियों के लिए मोबाइल फोन असेंबली का करार किया।