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एमेजॉन: फ्यूचर कूपंस में निवेश की नहीं थी योजना

Last Updated- December 11, 2022 | 11:33 PM IST

फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (एफआरएल) के स्वतंत्र निदेशकों ने भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) को लिखे दूसरे पत्र में कहा है कि अमेरिकी ईकॉमर्स दिग्गज एमेजॉन ने फ्यूचर कूपंस प्राइवेट लिमिटेड (एफसीपीएल) में निवेश की योजना कभी नहीं बनाई और अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी द्वारा किए गए अभ्यावेदन उनके स्वयं के पत्राचारों के विपरीत और विरोधाभासी थे, जैसा कि अदालतों के समक्ष पेश किया गया। निदेशकों ने सीसीआई को यह भी लिखा है कि एमेजॉन ने गलतबयानी कर मंजूरी हासिल की है और सीसीआई तथा नियामक को एफसीपीएल में एमेजॉन के निवेश संबंधित मंजूरी को रद्द करना होगा।
एफआरएल के स्वतंत्र निदेशकों द्वारा यह कदम  एमेजॉन द्वारा सिक्योरिटीज बोर्ड ऑफ इंडिया और कंपनी मामलों के मंत्रालय को लिखे गए पत्र के बाद उठाया गया है। इस पत्र में एफआरएल को फ्यूचर गु्रप और रिलायंस इंडस्ट्रीज के बीच 3.4 अरब डॉलर के विलय सौदे के संबंध में एफआरएल को दी गई किसी तरह की मंजूरी को वापस लेने की मांग की गई। सीसीआई के स्वतंत्र निदेशकों से यह पत्र एक्सचेंजों को भी सौंपा गया है।
पत्र में कहा गया है कि एमेजॉन ने हालांकि विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) विकल्प के जरिये एफआरएल में प्रत्यक्ष तौर पर निवेश की योजना बनाई है, लेकिन प्रेस नोट-2 (पीएन2) संबंधित चिंताओं की वजह से निवेश ढांचा बदल गया था और इसलिए एमेजॉन ने निर्णय लिया कि वह एफसीपीएल में निवेश करेगी और एफसीपीएल भी एफआरएल में 9.82 प्रतिशत हिस्सा खरीदेगी।
वर्ष 2018 में पीएन2 के जरिये भारत ने ई-कॉमर्स कंपनियों के लिए अपने एफडीआई नियमों में संशोधन किया और उन्हें समान ईकॉमर्स प्लेटफॉर्म से इक्विटी वाले मार्केटप्लेसां पर उत्पाद बेचने से प्रतिबंधित कर दिया था।
एफआरएल के स्वतंत्र निदेशकों का यह भी कहना है कि एमेजॉन के जेफ बेजोस को भेजे ईमेल से भी एफआरएल के व्यवसाय और परिचालन का संदर्भ है तथा एफसीपीएल के व्यसाय के बारे में इसमें सिर्फ एक वाक्य में ही जिक्र शामिल है।
7 नवंबर, 2021 के अपने पिछले पत्र में एफआरएल के स्वतंत्र निदेशकों ने सीसीआई को लिखा था कि एमेजॉन ने विदेशी प्रत्यक्ष निवेश संबंधित मानकों का उल्लंघन किया, क्योंकि कंपनी की प्रवर्तक इकाई एफसीपीएल में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी हासिल की गई और तथ्यों को छिपाकर सीसीआई की मंजूरी के लिए आवेदन किया गया था।
सीसीआई से अमेजॉन को फ्यूचर कूपंस में हिस्सा खरीदने के लिए दी गई अनुमति रद्द करने की मांग करते हुए स्वतंत्र निदेशकों ने कहा है कि सीसीआई को एमेजॉन को भारतीय कंपनी के खिलाफ अपने अपने गैर-जरूरी डिजाइनों को बरकरार रखने से बचना चाहिए। एमेजॉन और एफआरएल के बीच टकराव पिछले साल रिलायंस रिटेल के साथ एफआरएल के विलय के बाद शुरू हुआ था और आरोप लगाया गया था कि इस सौदे के तहत अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी के  साथ उसके समझौते का उल्लंघन हुआ था।

First Published - November 14, 2021 | 10:51 PM IST

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