वीडियोकॉन के प्रमोटर धूत बंधुओं ने जीएसएम सेवाओं की लाइसेंसधारक कंपनी डाटाकॉम सॉल्यूशंस में महेंद्र नाहटा के 36 फीसदी शेयर खरीदने की पेशकश की है।
नाहटा ने धूत पर शेयरधारकों के समझौते का उल्लंघन करने का आरोप लगाते हुए न्यायलय में जाने की धमकी दी थी। डाटाकॉम सॉल्यूशंस 15 अगस्त से शुरू होने वाले अपने जीएसएम नेटवर्क के लिए रणनीतिक साझीदारों की तलाश कर रही थी। लेकिन अगर कंपनी के शेयरधारकों के बीच छिड़ा यह विवाद जल्द समाप्त नहीं होता है तो कंपनी की कारोबारी योजनाओं में देरी हो सकती है।
सूत्रों के मुताबिक कंपनी ने इस बारे में दुबई की इतिलसात और बहरीन की बटेल्को के साथ इस बारे में बातचीत चल रही है। हालांकि अभी तक डाटाकॉम ने किसी भी कंपनी को रणनीतिक साझीदार बनाने के लिए कोई भी करार नहीं किया है। डाटाकॉम सॉल्यूशंस में एक सहायक कंपनी जंबो टेक्नो सर्विसेज के जरिए नहाता की 36 फीसदी हिस्सेदारी है। डाटाकॉम को कुछ महीने पहले हुए स्पेक्ट्रम आवंटन के समय देश भर में जीएसएम सेवाएं शुरु करने का लाइसेंस मिला था। उस वक्त कंपनी में नाहटा और कुछ और निवेशकों की ही हिस्सेदारी थी। लेकिन बाद में वीडियोकॉन ने कंपनी में 64 फीसदी हिस्सेदारी खरीद ली थी।
जब इस बारे में वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत से बात की तो उन्होंने कहा, ‘ऐसा कुछ भी नहीं है। इस बारे में हमने उनसे कोई बात नहीं की है और ना ही उन्होंने हमसे।’ लेकिन नाहटा ने कहा, ‘एक दूसरे के शेयर खरीदने के बारे में बातचीत हो रही है हालांकि अभी इस बारे में कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।’ उन्होंने कहा अगर शेयरों की खरीद का यह मामला नहीं सुलझता है तो उस स्थिति में कंपनी के पास कानूनी सहायता लेने का पूरा अधिकार है।
अभी तक नाहटा के शेयरों का मूल्यांकन नहीं किया गया है। उद्योग सूत्रों के मुताबिक देश भर में जीएसएम सेवाओं के लाइसेंस की कीमत घटकर 43-86 अरब रुपये के आसपास हो गई है। लेकिन नए लाइसेंस धारकों के मुताबिक कंपनी को इसके लिए ज्यादा रकम मिल सकती है। सूत्रों के मुताबिक दोनों कंपनियों ने शुरुआती दौर में लगभग 150 करोड़ रुपये निवेश करने की बात पर सहमति जताई है। इसके अलावा धूत ने इसके अलावा बुनियादी सेवाएं शुरू करने के लिए 4,200 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बनाई है।