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DGCA Safety Report: हवाई क्षेत्र में विमानों के पास आने की घटनाएं कम हुईं

विमान सुरक्षा में बड़ी प्रगति, ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम की चेतावनियों में 92% की गिरावट दर्ज

Last Updated- September 04, 2024 | 10:55 PM IST
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हवाई क्षेत्र में विमानों के नजदीक आने की घटनाओं में पिछले दो साल के मुकाबले साल 2023 में 25 प्रतिशत तक की कमी आई है। ऐसी घटनाएं तब होती हैं, जब दो विमान हवा में उड़ते हुए काफी नजदीक आ जाते हैं और उनके टकराने का खतरा हो जाता है। नागरिक उड्डयन महानिदेशालय (डीजीसीए) ने बुधवार को यह जानकारी दी।

नियामक ने यह भी कहा कि ग्राउंड प्रॉक्सिमिटी वार्निंग सिस्टम (जीपीडब्ल्यूएस) की चेतावनियों की संख्या भी इस दौरान 92 प्रतिशत तक कम हो गई हैं। चेतावनी प्रणाली ऐसी विमान सुरक्षा सुविधा है, जो विमान के जमीन पर दुर्घटनाग्रस्त होने के खतरे की सूचना पायलटों को देती है।

नियामक ने साल 2023 में हुई ऐसी घटनाओं की सटीक संख्या का खुलासा नहीं किया लेकिन कहा कि ऐसी घटनाओं में कमी ने राष्ट्रीय विमानन सुरक्षा योजना (एनएएसपी) के तहत निर्धारित लक्ष्यों को पूरा करने में उसकी सहायता की है। विमानन सुरक्षा योजना के तहत सालाना कई लक्ष्य निर्धारित किए जाते हैं, जिनका आकलन डीजीसीए अपनी वार्षिक सुरक्षा समीक्षा के जरिये करता है।

इस समीक्षा के संबंध में डीजीसीए ने कहा, ‘आंकड़ों से संचालित यह दृष्टिकोण विमानन क्षेत्र की वृद्धि की राह में सुरक्षा संस्कृति में मजबूती सुनिश्चित करता है और आने वाले सुरक्षा मसलों की पहचान करने तथा मौजूदा प्रक्रियाओं को लगातार सुधार की मजबूत सुविधा मुहैया कराता है।’

डीजीसीए ने कहा, ‘पिछले दो वर्षों से तुलना करने पर सुरक्षा प्रदर्शन के इस आकलन संकेत मिलता है कि भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रति 10 लाख उड़ानों में जोखिम वहन करने वाले एयरप्रॉक्स (हवा में पास आने की घटनाओं) की संख्या में 25 प्रतिशत तक की कमी आई है और लक्ष्य हासिल हुआ है।’ नियामक ने कहा ‘⁠प्रति 10,000 प्रस्थानों पर जीपीडब्ल्यूएस/ ईजीपीडब्ल्यूएस चेतावनी की संख्या में 92 प्रतिशत तक की कमी आई है और लक्ष्य हासिल हुआ है।

First Published - September 4, 2024 | 10:55 PM IST

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