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Reliance की गीगा फैक्टरी में देर!

RIL के बैटरी कारखाने की समयसीमा को 2024 से बढ़ाकर 2026 कर दिया गया है।

Last Updated- September 10, 2023 | 10:08 PM IST
'Bharat Mobility' of the Ministry of Commerce and Industry will introduce you to the world of batteries. वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय का ‘भारत मोबिलिटी’ आपको बैटरी की दुनिया से रूबरू करवा देगा।

मुकेश अंबानी द्वारा प्रवर्तित रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) के विशाल बैटरी कारखाने की समयसीमा अब 2026 निर्धारित की गई है। यह पहले बताई गई वर्ष 2024 की समयसीमा से दो साल आगे है। उद्योगपति के हालिया भाषण में साझा की गई जानकारी से यह पता चलता है। यह उन बिरले उदाहरणों में से एक होगा, जहां कंपनी ने किसी कारोबारी उत्पादन के लिए निर्धारित समयसीमा या लक्ष्य में बदलाव किया है।

आरआईएल ने समयसीमा में बदलाव के संबंध में ईमेल पर पूछे गए सवालों का जवाब नहीं दिया और न ही इसकी पुष्टि की। अलबत्ता उद्योग के अधिकारियों का अनुमान है कि आपूर्ति-श्रृंखला की बाधाएं इसकी वजह हो सकती हैं।

अगस्त में आरआईएल की वार्षिक आम बैठक (एजीएम) में कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक अंबानी ने शेयरधारकों को सूचित करते हुए कहा है कि हमारी मौजूदा प्राथमिकता वर्ष 2026 तक बैटरी का अपना विशाल कारखाना स्थापित करना है।

अंबानी ने संकेत दिया है कि रिलायंस इंडस्ट्रीज एलएफपी रसायन के साथ शुरुआत करेगी और साथ ही साथ अपनी सोडियम आयन बैटरी प्रौद्योगिकी के व्यावसायीकरण पर तेजी से ध्यान केंद्रित करेगी। अंबानी ने कहा, ‘हम वर्ष 2025 तक मेगावॉट स्तर पर सोडियम आयन सेल उत्पादन का औद्योगीकरण करके और उसके बाद तेजी से गीगा स्तर तक बढ़ाकर प्रौद्योगिकी की अपनी नेतृत्व स्थिति का निर्माण करेंगे।’

पहले जिस समयसीमा का संकेत दिया गया था, उसके मुकाबले यह दो साल आगे खिसक रही है। एक साल पहले अंबानी के एजीएम भाषण के अनुसार ‘हमारा लक्ष्य वर्ष 2023 तक बैटरी पैक का उत्पादन शुरू करना और वर्ष 2024 तक इसे बढ़ाकर पूरी तरह से एकीकृत पांच गीगावॉट वार्षिक क्षमता वाली सेल टु पैक विनिर्माण इकाई करना तथा वर्ष 2027 तक इसे और आगे बढ़ाकर 50 गीगावॉट की वार्षिक क्षमता तक ले जाना है।’

उम्मीद की जा रही है कि आरआईएल के इस नियोजित विशाल कारखाने में बैटरी रसायन, सेल और पैक का विनिर्माण होगा, जो कंटेनराइज्ड ऊर्जा भंडारण समाधान तक ले जाएगी और इसमें वास्तव में एकीकृत तंत्र प्रदान करने के लिए बैटरी रीसाइक्लिंग सुविधा भी शामिल होगी। फिलहाल भारत में इस स्तर का ऐसा कोई कारखाना नहीं चल रहा है, क्योंकि देश की बैटरी विनिर्माण क्षमता अभी शुरुआती अवस्था में है।

पिछले दो वर्षों में आरआईएल ने लीथियम-आयन और सोडियम आयन आधारित बैटरी विनिर्माण दोनों के लिए ही आवश्यक प्रौद्योगिकियों को जोड़ने के लिए कई अधिग्रहण किए हैं। कंपनी ने वर्ष 2022 में 6.1 करोड़ डॉलर में एलएफपी बैटरी प्रदाता लीथियम वर्क्स की परिसंपत्तियों का अधिग्रहण किया था। वर्ष 2021 में आरआईएल ने 10 करोड़ पॉउंड के उद्यम मूल्य पर अग्रणी वैश्विक सोडियम आयन बैटरी प्रौद्योगिकी कंपनी फैराडियन का अधिग्रहण किया था।

First Published - September 10, 2023 | 10:08 PM IST

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