जल्द ही टाटा समूह की इकाई बनने वाली ई-ग्रोसरी कंपनी बिगबास्केट की मूल कंपनी सुपरमार्केट ग्रोसरी सप्लाइज ने कोयम्बटूर के एक ग्रोसरी स्टार्टअप डेलीबास्केट को कारोबार बंद करने का नोटिस दिया है। उस पर आरोप है कि वह ग्राहकों को भ्रमित करने वाले लगभग समान डोमेन नाम के जरिये समान उत्पादों एवं सेवाओं की पेशकश करता है।
नोटिस की एक प्रति बिजनेस स्टैंडर्ड ने भी देखा है। उसमें बताया गया है, ‘किसी ई-कॉमर्स कारोबार और संबंधित उत्पादों नाम अथवा लोगों में महज बास्केट का उल्लेख करने से संबंधित उपभोक्ता और व्यापारी वर्ग के दिमाग में यह बात आती है कि उसका हमारे साथ संबंध है।’
इन आरोपों का खंडन करने के लिए डेलीबास्केट ने बीबीजाबुली नाम से एक वेबसाइट बनाई है जिसमें कहा गया है कि भले ही प्लेटफॉर्म के ब्रांड में बास्केट शब्द जुड़ा है और यह ऑनलाइन ग्रोसरी डिलिवर करता है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इसने टाइगर ग्लोबल के निवेश वाली कंपनी के ट्रेडमार्क का नकल किया है अथवा उसकी वेबसाइट और ऐप का अनैतिक तरीके से नकल किया है।
बिगबास्केट ने इस मामले में टिप्पणी करने से इनकार किया।
संचार रणनीति सलाहकार कार्तिक श्रीनिवासन ने कहा, ‘यदि हम बिगबास्केट की दलील को स्वीकार करते हैं तो गोदरेज की नेचर्स बास्केट बिगबास्केट से करीब छह साल पुरानी है। ऐसे में नेचर्स बास्केट भी बिगबास्केट पर समान दावा ठोक सकती है।’
डेलीबास्केट के अनुसार, बिगबास्केट ने अपने नोटिस में इस स्टार्टअप को डेलीबास्केट डॉट कॉम डोमेन नाम का इस्तेमाल करते हुए कारोबार बंद करने के लिए कहा है। इसके अलावा उसे मोबाइल ऐप को बंद करने, सभी कारेाबार को तत्काल प्रभाव से बंद करने, डेलीबास्केट डॉट कॉम डोमेन को तुरंत मुफ्त में हस्तांतरित करने और कानूनी नोटिस की भरपाई के लिए अपनी कानूनी टीम को 2 लाख रुपये का भुगतान करने के लिए कहा है।
