वित्त मंत्रालय द्वारा जारी सार्वजनिक उद्यमों के ताजा सर्वे के मुताबिक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों (सीपीएसई) का कॉर्पोरेट सामाजिक दायित्व (सीएसआर) पर खर्च वित्त वर्ष 2024 में 19 प्रतिशत बढ़कर 4,911 करोड़ रुपये हो गया है। यह वित्त वर्ष 2023 में आई खर्च में गिरावट के बाद पिछले 4 साल का सबसे अधिक खर्च है।
वित्त वर्ष 2024 के दौरान सीएसआर पर खर्च करने वाली शीर्ष सीपीएसई में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम (ओएनजीसी), इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, पॉवर ग्रिड कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड, आरईसी लिमिटेड और पॉवर फाइनैंस कॉर्पोरेशन लिमिटेड शामिल हैं।
सर्वे में आगे कहा गया है कि वित्त वर्ष 2024 में कुल सीएसआर व्यय में शीर्ष 10 सीपीएसई का अंशदान 56.72 प्रतिशत है। जहां तक सीपीएसई के वित्तीय प्रदर्शन का सवाल है, लाभ में चल रहे सरकारी उपक्रमों का शुद्ध मुनाफा वित्त वर्ष 2024 में बढ़कर 3.43 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। वित्त वर्ष 2023 के 2.47 लाख करोड़ रुपये की तुलना में इनके शुद्ध मुनाफे में 38.66 प्रतिशत वृद्धि हुई है।
सबसे ज्यादा मुनाफा पेट्रोलियम (रिफाइनरी और मार्केटिंग) से जुड़ी सीपीएसई को हुआ है। सबसे ज्यादा शुद्ध मुनाफे वाली शीर्ष 5 सीपीएसई में तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम लिमिटेड, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड, एनटीपीसी लिमिटेड और कोल इंडिया लिमिटेड शामिल हैं।
वहीं दूसरी तरफ घाटे में चल रही सीपीएसई का वित्त वर्ष 2024 में कुल घाटा 27.6 प्रतिशत घटकर 21,000 करोड़ रुपये रहा है, जो वित्त वर्ष 2023 में 29,000 करोड़ रुपये था। नुकसान में चल रही सीपीएसई में भारत संचार निगम लिमिटेड, राष्ट्रीय इस्पात निगम लिमिटेड, महानगर टेलीफोन लिमिटेड, भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिटेड और एनएमडीसी स्टील लिमिटेड शामिल हैं।
सरकार ने 1 अप्रैल 2014 से सीपीएसई सहित कम से कम 500 करोड़ रुपये नेटवर्थ या 1000 करोड़ रुपये टर्नओवर वाली या न्यूनतम 5 करोड़ रुपये शुद्ध मुनाफा कमाने वाली कंपनियों के लिए अपने तीन साल के औसत मुनाफे का कम से कम 2 प्रतिशत सीएसआर पर खर्च करना अनिवार्य कर दिया है।