देश की प्रमुख आईटी सेवा प्रदाता टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (टीसीएस) ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही के अपने नतीजों से दलाल पथ को निराश किया है। कोविड-19 महामारी के कारण कंपनी के राजस्व और परिचालन मार्जिन दोनों पर असर पड़ा है।
हालांकि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में महामारी के प्रभाव के बावजूद कंपनी ने अच्छे सौदे किए और कई सौदों पर बातचीत चल रही है। टीसीएस प्रबंधन ने कहा कि उसने पहले ही संकेत दिए थे कि चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर) से कंपनी वृद्घि की राह पर फिर से आएगी। हालांकि कंपनी ने कहा कि बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा तथा विनिर्माण क्षेत्र में चालू तिमाही तथा इससे आगे सुधार के संकेत दिख रहे हैं।
30 जून को समाप्त हुई चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में टीसीएस का कर पूर्व मुनाफा 9,504 करोड़ रुपये रहा, जो पिछली तिमाही की तुलना में 9.6 फीसदी और पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 10.65 फीसदी कम है। जून तिमाही में कंपनी का शुद्घ मुनाफा पिछले साल की समान तिमाही की तुलना में 13.81 फीसदी घटकर 7,008 करोड़ रुपये रहा।
मुंबई मुख्यालय वाली इस कंपनी की आय रुपये के मद में बढ़ी है लेकिन स्थिर मुद्रा के आधार पर इसमें बाजार के विश्लेषकों के अनुमान से कहीं ज्यादा कमी आई है।
पहली तिमाही में कंपनी का समेकित राजस्व सालाना आधार पर 0.39 प्रतिशत तेजी के साथ 38,322 करोड़ रुपये रहा। अमेरिकी मुद्रा डॉलर में बात करें तो कुल राजस्व 5.09 अरब डॉलर रहा। पिछले वर्ष की समान अवधि से इसकी तुलना करें तो इसमें 7.8 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज हुई। कोविड-19 से कंपनी के राजस्व को हुआ नुकसान साफ तौर पर झलक रहा था। पूरी दुनिया में इस महामारी की वजह से आईटी समेत तमाम उद्योगों को जबरदस्त झटका लगा है। स्थिर मुद्रा पर कंपनी के राजस्व में 6.4 प्रतिशत गिरावट दर्ज हुई। कारोबार के लिहाज से अहम अमेरिका और ब्रिटेन जैसे बड़े देशों में कंपनी का कारोबार कमजोर रहा, जिसका सीधा असर राजस्व के आंकड़ों पर दिखा।
टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी राजेश गोपीनाथन ने कहा, ‘पहली तिमाही में कंपनी के राजस्व पर सर्वाधिक असर हुआ, लेकिन अगर हमारा मौजूदा अनुमान सही रहा तो 2008 के वित्तीय संकट के मुकाबले इस बार कंपनी का कारोबार अधिक तेजी से सुधरेगा। इस बार ग्राहकों एवं संस्थानों दोनों ने ही समय रहते कदम उठाए हैं।’ टीसीएस के अनुसार राजस्व रुपये में तीसरी तिमाही के स्तर पर ही लौट आएगा और स्थिर मुद्रा पर इस वित्त वर्ष की चौथी तिमाही में समान रहेगा। जून में समाप्त हुई तिमाही में कंपनी का परिचालन मार्जिन 54 आधार अंक घटकर सालाना आधार पर 23.6 प्रतिशत रह गया, जबकि क्रमागत आधार पर इसमें 150 आधार अंक की कमी दर्ज की गई।
