तमाम कंपनियां त्योहारी सीजन की तैयारी में जुट गई हैं। ग्राहकों की मांग को समय पर पूरा करने के लिए वे हर साल अतिरिक्त कर्मियों की भर्तियां करती हैं। इस बार भी यह प्रक्रिया शुरू हो गई है। हायरिंग प्लेटफॉर्म इनडीड ने गुरुवार को बताया कि पिछले साल के मुकाबले इस बार मौसमी भर्तियों में 20 फीसदी उछाल आने की संभावना है। मौसमी नौकरियां अल्पकालिक होती हैं, जिनमें आमतौर पर साल के कुछ महीनों के लिए लोगों को काम पर रखा जाता है। ये अमूमन छह महीने या उससे कम अवधि के लिए ही होती हैं।
इनडीड की रिपोर्ट के अनुसार मुंबई, बेंगलूरु, चेन्नई, दिल्ली और कोलकाता जैसे महानगरों में नियुक्तियां संभवतः 18 से 20 फीसदी बढ़ जाएंगी, मगर जयपुर, कोच्चि, विशाखापत्तनम, लखनऊ और चंडीगढ़ जैसे मझोले और छोटे शहरों में इन नौकरियों की 22 से 25 फीसदी ज्यादा मांग हो सकती है।
इनडीड ने कहा कि ऐसा इसलिए हो सकता है, क्योंकि मझोले और छोटे शहरों में ग्राहकों की खर्च करने की क्षमता बढ़ रही है। इन शहरों में अब लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है और उनकी खर्च योग्य आय बढ़ रही है।
इसने कहा, ‘इसके अलावा, इन इलाकों में इंटरनेट के प्रसार और डिजिटलीकरण से ई-कॉमर्स, खुदरा और लॉजिस्टिक्स कंपनियों का ग्राहक दायरा बढ़ा है।’ इससे यह पता चलता है कि ई-कॉमर्स और क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म त्योहारी सीजन में अब छोटे शहरों पर खूब ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। मालूम हो कि भारत में त्योहारी सीजन ओणम से शुरू होकर दीवाली तक चलता है। इसमें नवरात्रि, दुर्गा पूजा और दशहरा जैसे बड़े त्योहार शामिल हैं।
जेप्टो ने अहमदाबाद और कानपुर जैसे छोटे शहरों में अपना डार्क स्टोर पेश करने की घोषणा की है। जोमैटो के ब्लिंकइट ने भी कोच्चि, हरिद्वार और विजयवाड़ा जैसे मझोले शहरों में इसे पेश किया है। स्विगी इंस्टामार्ट भी अपनी कार्यक्षमता सुधारने पर काम कर रही है।
नियुक्ति एवं भर्ती सेवा प्लेटफॉर्म टीमलीज की रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार त्योहारी सीजन में ई-कॉमर्स कंपनियों को अपनी बिक्री में 35 फीसदी इजाफा होने की उम्मीद है। इनडीड के निष्कर्षों से यह भी पता चलता है कि इस वर्ष सबसे ज्यादा नौकरियां ई-कॉमर्स क्षेत्र में निकल रही हैं, जहां साल 2023 के मुकाबले 35 फीसदी की उछाल देखी जा रही है। उसके बाद लॉजिस्टिक्स में 15 और रिटेल की भर्तियों में 14 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई है।
क्विक कॉमर्स में इस वर्ष नौकरियों में 11 फीसदी का इजाफा हुआ है। पदों के लिहाज से डिलिवरी एक्जीक्यूटिव की मांग में सबसे ज्यादा 30 फीसदी की वृद्धि हुई है। उसके बाद 25 फीसदी के साथ वेयरहाउस वर्कर्स और 20 फीसदी के साथ लॉजिस्टिक्स कोऑर्डिनेटर का स्थान है।
इनडीड इंडिया में सेल्स प्रमुख शशि कुमार ने कहा, ‘त्योहारी सीजन देशभर में तमाम कारोबारों के लिए महत्त्वपूर्ण होता है। हम मौसमी नौकरियों के लिए नियुक्तियों में भारी वृद्धि देख रहे हैं, क्योंकि कंपनियां बढ़ती उपभोक्ताओं की मांग पूरी करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।’ उन्होंने कहा, ‘ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, क्विक कॉमर्स उद्योग इसलिए भी तेजी से बढ़ रहे हैं, क्योंकि वे आज के उपभोक्ताओं की जरूरत और व्यवहार के अनुरूप काम कर रहे हैं। भारत के नौकरी बाजार का भविष्य भी यहीं हो सकता है।’