Cognizant Trolling on Social Media: आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी कॉग्निजेंट (Cognizant) को सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल किया गया जब उनकी एक हायरिंग पोस्ट सोशल मीडिया पर वायरल हो गई। यह नौकरी साल 2024 में ग्रेजुएट होने वाले फ्रेशर्स के लिए थी, जिसमें एंट्री लेवल आईटी पेशेवर को नौकरी के लिए 2.5 लाख रुपये प्रति वर्ष का पैकेज ऑफर किया गया था। हां, आपने एकदम सही पढ़ा।
एक्स पेज ‘इंडियन टेक एंड इन्फ्रा’ ने इस नौकरी के बारे में सोशल मीडिया पर पोस्ट किया और लिखा, “कॉग्निजेंट ने 2024 बैच के उम्मीदवारों के लिए एक रोमांचक ऑफ-कैंपस मास हायरिंग ड्राइव की घोषणा की है। आवेदन की अंतिम तिथि- 14 अगस्त है। पैकेज- INR 2.52 LPA।”
🚨 Cognizant has announced an exciting off-campus mass hiring drive, welcoming applications from candidates belonging to the 2024 batch.
Application deadline – August 14.
Package – INR 2.52 LPA pic.twitter.com/Btuwf2GoEw— Indian Tech & Infra (@IndianTechGuide) August 13, 2024
दुनियाभर में फैले अपने कारोबार के बावजूद, कॉग्निजेंट ने साल 2002 से फ्रेशर्स के लिए एंट्री लेवल पैकेज को बरकरार रखा है। वर्तमान आर्थिक चुनौतियों को देखते हुए, 2.5 लाख रुपये के सालाना पैकेज पर युवाओं में व्यापक असंतोष है। एक तरफ कॉग्निजेंट अपने सीईओ को भारत में सबसे ज्यादा सैलरी देती है। वहीं, दूसरी तरफ 2024 में फ्रेशर्स को एक साल में सिर्फ 2.5 लाख रुपये सैलरी देने को तैयार है।
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, सीईओ रवि कुमार सिंगीसेटी को पिछले साल 22.56 मिलियन डॉलर (करीब 186 करोड़ रुपये) की जबरदस्त सैलरी मिली थी। जनवरी 2023 में सीईओ बने सिंगीसेटी को 20.25 मिलियन डॉलर (लगभग 169.1 करोड़ रुपये) का एकमुश्त स्टॉक पुरस्कार मिला, जिससे वह 2023 में भारत में सबसे अधिक वेतन पाने वाले आईटी सीईओ बन गए। उनका सैलरी पैकेज कथित तौर पर कॉग्निजेंट कर्मचारियों के औसत वेतन का 556 गुना है।
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इस पोस्ट को 13 अगस्त को शेयर किया गया था। पोस्ट किए जाने के बाद से इसे 15 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है और यह संख्या बढ़ती ही जा रही है। यूजर्स पोस्ट के कमेंट सेक्शन में कॉग्निजेंट को जमकर ट्रोल कर रहे हैं।
एक व्यक्ति ने लिखा, “2.52 LPA बहुत उदार है। इतने पैसे से ग्रेजुएट क्या करेंगे?”
एक अन्य एक्स यूजर मनु ने कहा, “यह पैकेज 2002 बैच को ऑफर किया गया था। न घर, न फ्री परिवहन, न फ्री खाना। पीएफ कटौती के बाद मेट्रो शहरों में सिर्फ 18 से 19 हजार रुपये में यह सब संभालना होगा।”
एक्स यूजर हिमांशु राजावत ने लिखा “यह तो मुश्किल से एक गांव में एक साल का किराया और कुछ मैगी के पैकेट कवर कर पाएगा। कॉग्निजेंट शायद यह देखने के लिए एक प्रयोग कर रहा है कि क्या लोग केवल चाय और उम्मीद पर जी सकते हैं।”
एक अन्य यूजर ने कहा, “वाह, साल में 2 लाख? मेरा ड्राइवर सप्ताह में केवल चार दिन काम करके इससे ज्यादा कमाता है। लोल।”