सिप्ला और अल्केम लैबोरेट्रीज मुंबई की सहजानंद मेडिकल टेक्नोलॉजीज (SMT) में नियंत्रण हिस्सेदारी खरीदने के लिए प्रमुख दावेदार बनकर सामने आए हैं। SMT भारत की सबसे बड़ी कार्डियक स्टेंट निर्माता कंपनी है। द इकोनॉमिक टाइम्स के सूत्रों के अनुसार, इस डील का मूल्य 3,500 से 4,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकता है।
पहले इस डील में निजी इक्विटी फर्म्स KKR, TPG कैपिटल और एपैक्स पार्टनर्स ने रुचि दिखाई थी, लेकिन अब ये कंपनियां दौड़ से बाहर हो गई हैं। उम्मीद है कि अगले हफ्ते तक सिप्ला और अल्केम अपने प्रस्ताव जमा करेंगे।
सूत्रों का कहना है कि SMT के प्रमोटर कोटाडिया परिवार डील के बाद कंपनी में 15-20 प्रतिशत हिस्सेदारी बनाए रख सकता है, जबकि अन्य शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी बेचने की योजना बना रहे हैं।
मॉर्गन स्टेनली प्राइवेट इक्विटी एशिया और सामरा कैपिटल फिलहाल मिलकर SMT में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी रखते हैं, जबकि कोटक प्री-IPO ऑपर्च्युनिटीज फंड के पास 6 प्रतिशत हिस्सेदारी है। शेष 45 प्रतिशत हिस्सेदारी कोटाडिया परिवार के पास है।
इस हिस्सेदारी की संभावित बिक्री के साथ ही, अगर यह डील शेयरधारकों की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करती, तो कंपनी घरेलू बाजार में सार्वजनिक लिस्टिंग (IPO) पर भी विचार कर रही है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी का आईपीओ उसे बेहतर मूल्यांकन दिला सकता है।
SMT ने 2022 में भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) के पास 1,500 करोड़ रुपये के आईपीओ के लिए आवेदन किया था, लेकिन बाद में इसे स्थगित कर दिया गया। 1993 में धीरजलाल कोटाडिया द्वारा स्थापित यह कंपनी भारत के ड्रग-एल्यूटिंग स्टेंट (DES) बाजार में 31 प्रतिशत हिस्सेदारी रखती है और यूरोप में भी अपने विस्तार पर काम कर रही है। वित्त वर्ष 2024 में कंपनी ने 900 करोड़ रुपये का राजस्व और लगभग 140 करोड़ रुपये की एबिटडा (EBITDA) रिपोर्ट की।
खबरों के मुताबिक, शेयरधारक कंपनी के मूल्यांकन को उसकी आय से 25 गुना अधिक चाहते हैं, जिससे यह डील और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
लगभग 1,300 करोड़ रुपये की वैल्यू वाला भारत का कोरोनरी स्टेंट बाजार 12 प्रतिशत की कंपाउंड वार्षिक वृद्धि दर (CAGR) से बढ़ रहा है। इस बाजार में वैश्विक दिग्गज कंपनियां जैसे एबॉट वैस्कुलर, बॉस्टन साइंटिफिक और मेडट्रॉनिक का दबदबा है, जो संयुक्त रूप से घरेलू बाजार का 60 प्रतिशत हिस्सा रखते हैं। भारतीय निर्माता, जिनमें SMT, ट्रांसलुमिना और मेरिल लाइफ साइंसेज शामिल हैं, लगभग 18-20 प्रतिशत बाजार पर नियंत्रण रखते हैं।
सिप्ला और अल्केम अगर SMT को खरीद लेते हैं, तो यह डील भारत के तेजी से बढ़ते कार्डियक स्टेंट बाजार में प्रतिस्पर्धा के माहौल को बदल सकती है।