सरकार ने चीन की जिन 59 ऐप कंपनियों के भारत में परिचालन पर रोक लगाई है, उनमें से बहुत सी अपने सर्वर भारत में लाने का प्रस्ताव सरकार के सामने रखने के बारे में विचार कर रही हैं।
उनका मानना है कि इससे भारतीय प्रशासन की यह चिंता दूर होगी कि वे ‘अनधिकृत’ तरीके से काम कर रही हैं और चोरी-छिपे भारतीय ग्राहकों का डेटा भारत से बाहर, विशेष रूप से चीन भेज रही हैं। भारत में सेंटर खोलने से स्थानीय ग्राहकों का डेटा देश में ही स्टोर किया जाएगा।
अगर इस समाधान को अपनाया गया तो यह काफी अहम होगा क्योंकि सभी ऐप कंपनियों को सरकार के आदेश पर 48 घंटे के भीतर अपना पक्ष रखने का मौका दिया गया है। यह मियाद गुरुवार रात को खत्म होगी। इन ऐप कंपनियों के पास इस उद्देश्य के लिए सरकार द्वारा गठित समिति के सामने अपना पक्ष रखने के लिए कम समय है। इस समिति में इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी, विधि एवं न्याय मंत्रालय के सदस्य और कंप्यूूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (सीईआरटी) के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। ये बैठक गुरुवार को समाप्त होने के आसार हैं।
चीन की एक बड़ी ऐप कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हमारे सर्वर चीन में नहीं बल्कि अमेरिका और अन्य जगहों पर हैं मगर हम भारत में भी सर्वर लगाने के बारे में विचार करने को तैयार हैं। लेकिन सवाल यह होगा कि क्या इससे हम फिर से परिचालन कर पाएंगे।’
कुछ ऐप कंपनियों से जुड़े सूत्रों के मुताबिक दूसरा विकल्प ऐप के ‘सोर्स कोड’ को साझा करना है, लेकिन उसके लिए व्यापक चर्चा की जरूरत होगी। इस बीच टिकटॉक के सीईओ और बाइटडांस के सीओओ केविन मायर ने भारत में अपने कर्मचारियों को भेजे संदेश में आज कहा कि भारत में उनके प्लेटफॉर्म के सामने एक दुर्भाग्य भरी चुनौती पैदा हो गई है और वे भागीदारों की चिंताएं दूर करने के लिए उनके साथ मिलकर काम कर रहे हैं। बाइटडांस टिकटॉक और हेलो की मालिक है।
मायर ने कहा कि वर्ष 2018 से भारत में उनके यूजर 20 करोड़ से अधिक हैं। उन्होंने कहा कि भारत में उनके कर्मचारी उनकी सबसे बड़ी ताकत हैं। मायर ने कहा कि उन्होंने 2,000 से अधिक अपने कर्मचाारियों को आश्वस्त किया है कि वे ऐसा सकारात्मक अनुभव और अवसर बहाल करने के लिए अपने स्तर पर हर मुमकिन कोशिश करेंगे, जिससे वे गर्व का अनुभव करेंगे।
