मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड आने वाले सालों में चीन की नई नीतियों और अपने कारोबार सुधारों से बड़ा फायदा उठा सकती है। मॉर्गन स्टेनली के विशेषज्ञों के अनुसार, चीन अब उद्योगों में बेकार की कड़ी प्रतिस्पर्धा और कम लाभ वाली रणनीतियों को बदल रहा है। इसे Anti-Involution कहते हैं। इसका मतलब है कि कंपनियां अब स्मार्ट तरीके से काम करेंगी और बेवजह की प्रतिस्पर्धा से बचेंगी। विशेषज्ञों ने कहा कि चीन कई उद्योगों में अतिरिक्त उत्पादन घटा रहा है और रिलायंस भी अपने कारोबार को आसान और व्यवस्थित बना रहा है, जिससे कंपनी को सीधे फायदा होगा।
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गौर करने वाली बात है कि मुकेश अंबानी की कंपनी रिलायंस भारत में अपना सोलर बिजनेस पूरी तरह तैयार कर रही है। इस समय चीन में सोलर पैनल बनाने वाली फैक्ट्रियों में बहुत ज्यादा उत्पादन हो रहा है और उन्हें इसे कम करना पड़ रहा है। इसका फायदा रिलायंस को मिलेगा। विशेषज्ञों के अनुसार, इससे 2030 तक ऊर्जा खर्च में 40% तक कमी और 2027 तक नए एनर्जी प्रोजेक्ट्स से कमाई में 13% बढ़ोतरी हो सकती है। साथ ही, चीन की नई नीति और ओवरप्रोडक्शन कम करने के कदम रिलायंस के लिए कीमत और कमाई में फायदा देंगे, जिससे कंपनी की संपत्ति में 20 अरब डॉलर का फायदा और 2028 में कमाई में 17% तक बढ़ोतरी हो सकती है।
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मॉर्गन स्टेनली ने रिलायंस का ओवरवेट रेटिंग बनाए रखा है और 12 महीने का प्राइस टारगेट ₹1,701 रखा है, जो वर्तमान भाव से लगभग 26% अधिक है। स्टॉक ने साल की शुरुआत से अब तक 13% तक की बढ़त बनाई है। विशेषज्ञों का मानना है कि अगले 60 दिनों में शेयर बढ़ने की संभावना 80% है, खासकर AI और नई एनर्जी निवेशों की वजह से। (ब्लूमबर्ग के इनपुट के साथ)