भारत सरकार ने चीन के ऐप्लिकेशन यानी ऐप्स पर बेशक प्रतिबंध लगा दिया है मगर मई में देश में डाउनलोड के मामले में जो 10 ऐप सबसे ऊपर रहे, उनमें आधे चीन के ही हैं। इससे ही पता चल जाता है कि भारतीय ऐप बाजार में चीनी ऐप का कितना दबदबा है। सरकार ने कल रात एकाएक 59 लोकप्रिय चीनी ऐप पर रोक लगा दी। दिलचस्प है कि इन चीनी ऐप्स ने देश भर के उपभोक्ताओं में गहरी पैठ बना रखी है और तकरीबन हर क्षेत्र में चीन के ऐप मौजूद हैं। चाहे सोशल मीडिया हो, चैट रूम हों, खबरें, ई-कॉमर्स, गेमिंग, ऐप क्लोनिंग, वर्चुल मेकओवर का क्षेत्र हो या माइक्रो ब्लॉॅगिंग, फोटो एडिटिंग, बैटरी पावर बढ़ाने वाले ऐप हों, चीन हर जगह जड़ें जमा चुका है।
गूगल प्ले पर आधारित ऐपऐनी के आंकड़े बताते हैं कि टिकटॉक और हैलो की मालिक बाइटडांस डाउनलोड के मामले में मई में तीसरे नंबर पर पहुंच गई। उससे आगे केवल गूगल और फेसबुक रहीं। सबसे ज्यादा डाउनलोड होने वाले 10 ऐप की फेहरिस्त में चार चीनी नाम और भी हैं। ये नाम गेमिंग डेवलपर जिंक कल्चर और डूडल मोबाइल तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एवं लाइव स्ट्रीमिंग कंटेंट प्लेयर जॉय इंक तथा वनस्माइल हैं।
चीनी इतने पर ही नहीं रुके। मई में कमाई के मामले में टेनसेंट अव्वल नंबर हो गया और और उसने गूगल को बहुत पीछे छोड़ दिया। गूगल इस मामले में चौथे नंबर पर रहा। इसकी वजह टेनसेंट के लोकप्रिय वीडियो गेम ऐप रहे, जिन्हें लॉकडाउन के दौरान जमकर डाउनलोड किया गया। लेकिन मुफ्त ऐप दे रहे दूसरे चीनी डेवलपरों को ऐप के जरिये कमाई का अभी इंतजार करना पड़ेगा।
इसी दौरान सबसे ज्यादा डाउनलोड हुए 10 ऐप की ऐपऐनी की सूची में तीन चीनी ऐप काफी ऊपर रहे। टिकटॉक दूसरे नंबर पर रहा तो हैलो का नंबर पांचवां था। टेनसेंट और दक्षिण कोरिया की एक कंपनी समेत कई कंपनियों की साझी कोशिशों से तैयार मोबाइल गेम पबजी आठवें नंबर पर रहा। सबसे ज्यादा कमाई वाले ऐप देखेंगे तो पबजी के सहारे टेनसेंट एक बार फिर सबसे ऊपर रही। प्रतिबंध से चीनी कंपनियों को चोट पहुंचना तो तय है क्योंकि सेंसर टावर और गूगल ऐनालिटिक्स के आंकड़े बताते हैं कि सोमवार तक भारत में सबसे ज्यादा डाउनलोड किए गए 100 ऐप्स में से 8-10 चीन के ही हैं। इनमें टिकटॉक और हैलो के अलावा शेयर-इट, कैमस्कैनर, यूसी ब्राउजर, क्लब फैक्टरी शामिल हैं। उनमें से कुछ को भारत-चीन सीमा टकराव और चीनी सामान पर प्रतिबंध की मांग का खमियाजा भुगतना भी पड़ा है क्योंकि वे नीचे के पायदानों पर लुढ़क गए हैं।
बाइटडांस, अलीबाबा (यूसी ब्राउजर और यूसी न्यूज की मालिक) और टेनसेंट (वीचैट की मालिक) जैसी बड़ी कंपनियों की भारत की रणनीति जरूर बिगड़ जाएगी। लेकिन अलीबाबा और टेनसेंट ने भारत के तकनीकी कारोबार में भी अच्छा खासा निवेश कर रखा है। पेटीएम और ओला जैसे भारतीय उद्यमों में उनकी बड़ी हिस्सेदारी है।
जिन ऐप्स पर रोक लगाई गई है, वे अपने कारोबारी मॉडल के लिए भारत पर खासी निर्भर थीं। ई-कॉमर्स साइट क्लब फैक्टरी के भारत में 1 करोड़ से भी अधिक सबस्क्राइबर हैं और 30,000 से ज्यादा भारतीय विक्रेता उसकी साइट पर हैं। यूसी ब्राउजर को ही ले लीजिए। दुनिया भर में उसके 43 करोड़ सक्रिय यूजर हैं, जिनमें 13 करोड़ भारत से ही हैं। टिकटॉक के लिए तो चीन के बाद सबसे बड़ा बाजार भारत ही है, जहां 20 करोड़ लोग उसके सबस्क्राइबर हैं। बहरहाल विश्लेषकों का कहना है कि चीनी ऐप को ज्यादातर कमाई गेमिंग से ही होती है। टेनसेंट इसकी जीती-जागती मिसाल है। मगर सरकार की सूची में नाम मात्र की गेमिंग ऐप हैं और उनमें भी ज्यादा इस्तेमाल की जाने वाली ऐप नहीं दिख रही हैं।