सवाल जवाब
चिप बनाने वाली वैश्विक कंपनी क्वालकॉम भारतीय मोबाइल चिप बाजार में अग्रणी स्थिति में है। वह प्रमुख मोबाइल उपकरण विनिर्माताओं और दूरसंचार कंपनियों के साथ काम कर रही है। क्वालकॉम के अध्यक्ष (भारत एवं सार्क) राजन वागड़िया ने सुरजीत दास गुप्ता से बातचीत में 5जी परिवेश और विभिन्न ब्रांडों के बीच उपभोक्ता आधार के उभार पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
चिप आपूर्ति करने वाली एक प्रमुख कंपनी के तौर पर आप अगले कुछ वर्षों के दौरान 5जी स्मार्टफोन परिवेश के विकास को किस प्रकार देखते हैं?
वैश्विक स्तर पर सबसे पहले 5जी स्मार्टफोन को 2019 में लॉन्च किया गया था। भारत में वाणिज्यिक तौर पर उपलब्ध पहला स्मार्टफोन 2020 में आया जो क्वालकॉम स्नैपड्रैगन 855 पर आधारित था। उसके बाद तमाम स्मार्टफोन लॉन्च किए गए। यह अप्रत्याशित था क्योंकि पहला, भारत को कीमत के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बाजार के रूप में देखा जाता था। दूसरा, देश में 5जी नेटवर्क के लॉन्च होने की कोई समय-सीमा निर्धारित नहीं की गई थी। हमारा मानना है कि साल 2022 के अंत तक भारत में 5जी स्मार्टफोन का स्थापित आधार 8 से 8.5 करोड़ हो जाएगा। अब 5जी स्पेक्ट्रम की सफल नीलामी के बाद हम उम्मीद करते हैं कि 2023 में वह तेजी से 4जी स्मार्टफोन की जगह लेगा।
5जी स्मार्टफोन के लिए किफायत एक बड़ा मुद्दा रहा है। 5जी स्मार्टफोन की कीमत को 10 हजार रुपये के दायरे में लाने के लिए क्वालकॉम किस प्रकार मदद कर रही है?
क्वालकॉम के पास 5जी समर्थ चिपसेट का दमदार पोर्टफोलियो है जो विभिन्न मूल्य दायरे के अनुकूल हैं। फिलहाल भारत में 5जी स्मार्टफोन 12 से 15 हजार रुपये के मूल्य दायरे में उपलब्ध हैं। उपयोगकर्ता बेहतर बैटरी, कैमरा, मेमरी आदि की मांग करते हैं जिससे कुल लागत प्रभावित होती है। हम उम्मीद करते हैं कि इसी रुझान के आधार पर अगले साल तक 5जी परिवेश 10 हजार रुपये के दायरे में स्मार्टफोन लाने में समर्थ होगा।
भारत में 5जी के लॉन्च होने के बाद तमाम उपभोक्ता 2जी से सीधे 5जी में स्थानांतरित हो जाएंगे क्योंकि 5जी फोन सस्ते होंगे। इस पर आप क्या कहेंगे?
आज हम देख रहे हैं कि भारत आने वाले 30 फीसदी स्मार्टफोन 5जी आधारित हैं और ग्राहक उसे कई कारणों से खरीद रहे हैं जैसे वे कहीं अधिक दक्ष हैं, कहीं अधिक सस्ते हैं और सबसे अहम बात यह है कि ग्राहक भविष्य के लिहाज से उपयुक्त हैंडसेट खरीदना चाहते हैं। ग्राहकों को 4जी का फायदा मिला है और अब वे 5जी पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। साल 2023 में भारत में 50 फीसदी से अधिक स्मार्टफोन शिपमेंट 5जी प्रौद्योगिकी से लैस होंगे। 2जी ग्राहकों को अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकी का पूरी तरह अनुभव नहीं है और वे उसके फायदे नहीं समझते हैं लेकिन सस्ते 5जी स्मार्टफोन और आसान वित्त पोषण से स्थानांतरण को बल मिलेगा।
5जी स्पेक्ट्रम नीलामी में ऑपरेटरों ने विभिन्न बैंडों- 700, मझोले व मिलीमीटर बैंड- में स्पेक्ट्रम हासिल किए हैं। उपयोगकर्ताओं के लिए इसका क्या मायने है?
मझोले बैंड के तहत आमतौर पर 10 से 100 एमबीपीएस प्रति सेकेंड के डेटा रेट की पेशकश की जाती है। इसके अलावा ऑपरेटरों को लाखों 5जी स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं और मोबिलिटी को सपोर्ट करने वाली नेटवर्क क्षमता मिलती है। निचले बैंड यानी 700 मेगाहर्ट्ज, 850 मेगाहर्ट्ज, 900 मेगाहर्ट्ज आदि में स्पेक्ट्रम घरों के भीतर बेहतर कवरेज प्रदान करने वाला नेटवर्क उपलब्ध कराता है और वह ग्रामीण इलाकों में कम लागत पर 5जी सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद करता है। मिलीमीटर बैंड के तहत कई जीबीपीएस यूजर डेटा रेट और नेटवर्क क्षमता उपलब्ध होती है जो इसे वायरलेस ब्रॉडबैंड समाधान (एफडब्ल्यूए) के तौर पर फाइबर आधारित ब्रॉडबैंड का पूरक बनाती है।