बीएस बातचीत
कोविड-19 महामारी के बीच आईटी क्षेत्र की दिग्गज कंपनी टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेस (टीसीएस) ने साहसिक कदम उठाते हुए 2025 तक अपने कार्यालयों में केवल 25 फीसदी कर्मचारियों को बुलाने का निर्णय किया है। कंपनी के बाकी कर्मचारी घर से ही काम करेंगे। कंपनी ने कहा कि उसके सभी कर्मचारियों ने इस निर्र्णय को सहर्ष स्वीकार किया है। टीसीएस के मुख्य कार्याधिकारी एवं प्रबंध निदेशक राजेश गोपीनाथन से विभु रंजन मिश्रा और साई ईश्वर ने बातचीत की। पेश हैं संक्षिप्त अंश…
कोविड-19 महामारी से टीसीएस के लिए सबसे बड़ी मुश्किल क्या पेश आई?
सिक्योर बॉर्डरलेस वर्कप्लेस (एसबीडब्ल्यूएस) परियोजना और 2025 तक केवल 25 फ ीसदी कर्मचारियों को कार्यालय बुलाने (25/25 मॉडल) का निर्णय हमारे लिए सबसे अहम बदलाव है। हमने कोविड-19 की चुनौती साहस के साथ स्वीकार की है और अपने निर्णय को उसी रूप में क्रियान्वित कर रहे हैं। हम लंदन, न्यूयॉर्क और टोक्यो जैसे शहरों में अपने इनोवेशन वर्कशॉप एवं विभिन्न फोरम को ऑनलाइन करने का प्रयास कर रहे हैं। हमारे परिचालन से जुड़े लगभग सभी पहलुओं-कर्मचारी, मानव संसाधन एवं अन्य महत्त्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़े निवेश हो रहे हैं। इससे हमे अगले चरण के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।
क्या आपके 25 फीसदी कर्मचारी ही 2025 तक ऑफिस आएंगे और 75 फीसदी घर से ही काम करेंगे?
हमारा मानना है कि इस दौरान किसी भी समय हमारे 25 फ ीसदी कर्मचारियों को ही कार्यालय आना चाहिए। इसके साथ ही किसी भी कर्मचारी को अपना 25 फीसदी समय ही कार्यालय में गुजारना होगा।
महामारी का असर कारोबार पर कम करने के लिए जून तिमाही में कंपनी ने खर्च कम करने पर खासा जोर दिया?
लागत को ध्यान में रखते हुए एक बात हमारे दिमाग में साफ थी कि कर्मचारियों की संख्या में सीधे कमी नहीं की जाएगी। हालांकि बाहर से वरिष्ठ पदों पर भर्ती हमने रोक दी, लेकिन जिन लोगों को पहले ही नौकरी की पेशकश कर दी थी, उन्हें निराश नहीं किया। हमारी कंपनी से कर्मचारियों की नौकरी छोडऩे की दर आईटी क्षेत्र में सबसे कम है, लेकिन नई भर्तियां नहीं करने और कर्मचारियों के निकलने से हमें कुछ हद तक खर्च कम करने में मदद जरूर मिली है।
भविष्य को लेकर टीसीएस काफी आश्वस्त दिख रही है। इसकी क्या वजह है?
तकनीक से जुड़े कार्यक्रमों में निवेश तेजी से बढ़ रहा है और ग्राहकों में इसकी मांग भी खूब है। यूरोप जैसे क्षेत्र शुरू में फिसलने के बाद तेजी से सुधार की राह पर आ गए हैं। हमें पूरा भरोसा है कि अगली तिमाही तक यूरोपीय बाजारों का प्रदर्शन खासा बढिय़ा रहेगा। अमेरिका में बैंकिंग, वित्तीय सेवाओं और बीमा (बीएफएसआई) में उतनी नरमी नहीं रही, जितनी पहले आशंका जताई जा रही थी। कई बैंकों ने नुकसान के डर से बड़े पैमाने पर प्रावधान किए थे, लेकिन वहां की अर्थव्यवस्था महामारी में मजबूती के साथ खड़ी रही। यही वजह है कि अमेरिका को लेकर उम्मीदें अधिक बढ़ गई हैं। हालांकि आगे जाकर अगर कोविड-19 महामारी नियंत्रण से बाहर निकल गई तो हालात एक बार फिर बदल सकते हैं।
महामारी की वजह से किसी परियोजना की रफ्तार कम हुई है या उसे रद्द करनी पड़ी है?
विमानन, आतिथ्य और कुछ हद तक खुदरा कारोबार से जुड़ी परियोजनाओं को छोड़ दें तो खास असर नहीं हुआ है। हां, खर्चों को लेकर हमारी प्राथमिकताएं जरूर बदली हैं, लेकिन परियोजनाएं रद्द होने जैसी कोई बात नहीं है।
क्या फिलहाल काम नहीं करने वाले कर्मचारियों की तादाद बढ़ी है? अगर हां, तो क्या इससे बाहर से नियुक्तियों पर असर पड़ेगा?
हां, ऐसे कर्मचारियों की संख्या में इजाफा हुआ है। महामारी के बीच भी हमारे कर्मचारियों की तादाद महज 4,800 कम हुई है, जबकि हमारा कारोबार 6 से 7 प्रतिशत तक कम हुआ है। पिछली तिमाही में हमने बाहर से की जाने वाली नियुक्तियां रोक दी थीं, लेकिन अब धीरे-धीरे इसे शुरू कर कर रहे हैं।