भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) की जांच में खाने-पीने के सामान की डिलिवरी करने वाली कंपनी जोमैटो और सॉफ्टबैंक की निवेश वाली स्विगी द्वारा प्रतिस्पर्धा कानूनों के उल्लंघन का पता चला है। आयोग ने पाया कि ये कंपनियां अपने प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध चुनिंदा रेस्टोरेंटों को ज्यादा तरजीह देती हैं।
प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा तैयार किए गए दस्तावेज के अनुसार जोमैटो ने कम कमीशन के बदले में भागीदारों के साथ विशिष्ट अनुबंध किया है जबकि स्विगी ने केवल अपने प्लेटफॉर्म पर सूचीबद्ध होने वाले रेस्टोरेंटों को कारोबार बढ़ाने की गारंटी दी है। हालांकि सीसीआई द्वारा तैयार दस्तावेज सार्वजनिक नहीं किया गया है।
सीसीआई की जांच इकाई ने कहा है कि स्विगी, जोमैटो और संबंधित रेस्टोरेंट भागीदारों के बीच विशिष्ट करार बाजार में स्वस्थ होड़ नहीं बढ़ने देता। रॉयटर्स ने यह दस्तावेज देखा है।
सीसीआई ने नैशनल रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया की शिकायत के बाद 2022 में स्विगी और उसकी प्रतिद्वंद्वी कंपनी जोमैटो के खिलाफ जांच शुरू की थी। एसोसिएशन ने शिकायत की थी कि फूड डिलिवरी प्लेटफॉर्मों द्वारा प्रतिस्पर्धा-रोधी कार्य किए जाने से अन्य रेस्टोरेंटों के कारोबार पर असर पड़ रहा है।
इस बारे में पूछे जाने पर जोमैटो ने टिप्पणी करने से मना कर दिया। स्विगी और सीसीआई ने भी कोई जवाब नहीं दिया। इस खबर का असर शेयर पर भी दिखा और जोमैटो का शेयर 3 फीसदी नीचे आ गया।
स्विगी आरंभिक सार्वजनिक निर्गम के जरिये पूंजी जुटा रही है। उसने सीसीआई मामले का उल्लेख आईपीओ दस्तावेज में ‘आंतरिक जोखिमों’ में से एक के रूप में किया है। इसमें कहा गया है कि प्रतिस्पर्धा अधिनियम के प्रावधानों के किसी भी उल्लंघन पर पर्याप्त जुर्माना लग सकता है।
सीसीआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि स्विगी ने जांचकर्ताओं को बताया कि ‘स्विगी एक्सक्लूसिव’ कार्यक्रम 2023 में खत्म हो गया था लेकिन कंपनी गैर-महानगरों में इसी तरह का कार्यक्रम (स्विगी ग्रो) शुरू करने की योजना बना रही है।
सीसीआई की जांच इकाई ने कहा कि स्विगी के कुछ भागीदार रेस्टोरेंटों को धमकी दी गई थी कि अगर वे एकसमान मूल्य नहीं बनाए रखेंगे तो उनकी रैंकिंग नीचे कर दी जाएगी।