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Capital Expenditure: वित्त वर्ष 24 में भारतीय कंपनियों का पूंजीगत व्यय धीमा पड़ा

अध्ययन में बताया गया है कि वित्त वर्ष 24 के दौरान जिन प्रमुख पांच क्षेत्रों में निजी पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित किया गया

Last Updated- November 15, 2024 | 11:12 PM IST
Capex

शेयर बाजार में सूचीबद्ध 1,074 गैर वित्तीय कंपनियों के वार्षिक विवरणों पर केयर रेटिंग्स द्वारा किए गए अध्ययन से पता चला है कि मार्च 2024 को समाप्त हुए वित्त वर्ष में कुल निजी पूंजीगत व्यय मामूली रूप से घटकर 9.4 लाख करोड़ रुपये रह गया, जबकि वित्त वर्ष 23 में यह 9.5 लाख करोड़ रुपये था।

अध्ययन में बताया गया है कि वित्त वर्ष 24 के दौरान जिन प्रमुख पांच क्षेत्रों में निजी पूंजीगत व्यय पर ध्यान केंद्रित किया गया, वे थे – तेल एवं पेट्रोकेमिकल्स (कुल पूंजीगत व्यय में 21 प्रतिशत हिस्सा), बिजली (12.8 प्रतिशत हिस्सा), दूरसंचार (12.8 प्रतिशत हिस्सा), वाहन और सहायक उपकरण (7.4 प्रतिशत हिस्सा) तथा लोहा एवं इस्पात (7.1 प्रतिशत) हिस्सा।

अध्ययन में पता चला है कि वित्त वर्ष 24 में लोहा एवं इस्पात (-4.4 प्रतिशत), अलौह धातु (-15.4 प्रतिशत), स्वास्थ्य सेवा (-50.1 प्रतिशत) और खुदरा (-55.3 प्रतिशत) जैसे क्षेत्रों में निजी पूंजीगत व्यय में लगातार गिरावट आई है।

सीएमआईई के आंकड़ों का हवाला देकर केयर के अध्ययन में कहा गया है कि भारत कंपनी जगत द्वारा घोषित नई निवेश परियोजनाओं के आंकड़े, जो कंपनियों के निवेश के इरादों का संकेत देते हैं, वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 29.5 प्रतिशत कम थे, जबकि इसी अवधि के दौरानी पूरी की गई निवेश परियोजनाओं में सालाना आधार पर 53 प्रतिशत तक की गिरावट आई है।

केयर की रिपोर्ट में कहा गया है, ‘न केवल निवेश की घोषणाएं और उनका समापन एक साल पहले की तुलना में कम रहा, बल्कि वे पिछले दशक के दौरान नजर आए पहली छमाही के औसत से भी कम रहे।’ ऐसा मुख्य रूप से चुनाव संबंधी प्रतिबंधों और अनिश्चितताओं की वजह से वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही के कमजोर आंकड़ों के कारण हुआ।

हालांकि परियोजनाएं पूरी होने और उनकी घोषणाओं, दोनों के ही आंकड़े वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में सुधार दिखाते हैं, लेकिन फिर भी यह पिछले तीन वर्षों के दौरान नजर आए तिमाही औसत से कम हैं। संरचना के लिहाज से देखें, तो वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही के दौरान निवेश की घोषणाओं का निजी क्षेत्र ने 71 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ समर्थन किया है।

हालांकि, इस अवधि के दौरान संपन्न परियोजना में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र की लगभग बराबर हिस्सेदारी दिखी। सितंबर तिमाही के परिणामों के बाद निजी क्षेत्र की प्रमुख कंपनियों के प्रबंधन की टिप्पणियों से पता चलता है कि वित्त वर्ष 25 के शेष भाग में निवेश धीमा रहेगा।

First Published - November 15, 2024 | 11:12 PM IST

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