वित्त वर्ष 2021 में 4,588 करोड़ रुपये का घाटा उठाने वाली एडटेक दिग्गज बैजूस ने कहा कि वह अपने भारतीय कारोबार में सुधार के लिए कुछ उपाय करेगी। कंपनी ने मार्च 2023 तक मुनाफे में आने का लक्ष्य रखा है। कारोबार को अनुकूल बनाने के लिए सभी के-10 सहायक इकाइयों को भारतीय कारोबार इकाई के तहत लाया जाएगा।
आकाश और ग्रेट लर्निंग का परिचालन अलग इकाई के तौर पर किया जाएगा। इसके साथ ही कंपनी बिक्री प्रक्रिया को ग्राहक अनुकूल और लागत प्रभावी बनाएगी तथा मार्केटिंग खर्च को तार्किक बनाएगी। बैजूस ने 2,500 कर्मचारियों या कुल कर्मचारियों में से 5 फीसदी की छंटनी की भी योजना बनाई है।
बैजूस के भारतीय कारोबार के मुख्य कार्याधिकारी मृणाल मोहित ने कहा, ‘एक परिपक्व संगठन के तौर पर हम निवेशकों और हितधारकों के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं। हमारा लक्ष्य सतत विकास और राजस्व में मजबूत वृद्धि सुनिश्चित करना है।’ उन्होंने कहा कि इन उपायों से मार्च 2023 तक कंपनी को मुनाफे में लाने में मदद मिलेगी।
बीते तीन वर्षों के दौरान बैजूस ने कई कंपनियों का अधिग्रहण किया है, जिसका मुख्य कारोबार के साथ एकीकरण अब पूरा हो चुका है। बैजूस के भारत में के-10 कारोबार में टॉपर, मेरिटनेशन, ट्यूटरविस्टा, स्कॉलर और हैशलर्न शामिल है, जिसे अब एक कारोबार इकाई के तौर पर एकीकृत किया जाएगा और आकाश तथा ग्रेट लर्निंग का परिचालन अलग इकाई के तौर पर जारी रहेगा।
तकनीक के बेहतर उपयोग और एक ही भूमिका में कई लोगों के काम को कम करने के तहत बैजूस करीब 2,500 कर्मचारियों की चरणबद्ध तरीके से छंटनी भी करेगी। बैजूस के कर्मचारियों की कुल संख्या करीब 50,000 है। सूत्रों ने कहा कि इसका मतलब है कि करीब पांच फीसदी कर्मचारियों की छंटनी की जाएगी।
पिछले वित्त वर्ष में 4,588 करोड़ रुपये का घाटा होने के बाद कंपनी यह कदम उठा रही है। वित्त वर्ष 2021 में कंपनी की आय 2,528 करोड़ रुपये रही थी, जो वित्त वर्ष 2020 में 2,511 करोड़ रुपये थी। 2020 में उसे 300 करोड़ रुपये का समायोजित घाटा हुआ था।
बैजूस ने वित्त वर्ष 2021 के परिणाम जारी करने में 18 महीने की देरी की जिसकी वजह से कंपनी मामलों का मंत्रालय उससे देरी की वजह पूछ सकता है। खबर है कि ऑडिटरों द्वारा अंकेक्षित नतीजों पर हस्ताक्षर नहीं करने की वजह से नतीजे जारी करने में देरी हुई है।
हालांकि बैजूस ने कहा कि समूह स्तर पर वह नियुक्तियां भी जारी रखेगी और चालू वित्त वर्ष के अंत में वह शुद्ध नियुक्ति करने वाली कंपनियों में होगी। बैजूस के संस्थापक और सीईओ बैजूस रवींद्रन ने हाल ही में कहा था कि कंपनी ने मुनाफा कमाने पर ध्यान देना शुरू कर दिया है। वित्त वर्ष 2022 में कंपनी की आय करीब 10,000 करोड़ रुपये रह सकती है।
