facebookmetapixel
भारत के नए उप राष्ट्रपति होंगे सीपी राधाकृष्णन, बी. सुदर्शन रेड्डी को 152 मतों के भारी अंतर से हरायासेबी ने IPO नियमों में ढील दी, स्टार्टअप फाउंडर्स को ESOPs रखने की मिली मंजूरीNepal GenZ protests: नेपाल में क्यों भड़का प्रोटेस्ट? जानिए पूरा मामलाPhonePe का नया धमाका! अब Mutual Funds पर मिलेगा 10 मिनट में ₹2 करोड़ तक का लोनभारतीय परिवारों का तिमाही खर्च 2025 में 33% बढ़कर 56,000 रुपये हुआNepal GenZ protests: प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली के बाद राष्ट्रपति रामचंद्र पौडेल ने भी दिया इस्तीफापीएम मोदी ने हिमाचल के लिए ₹1,500 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान किया, मृतकों के परिजनों को ₹2 लाख की मददCredit risk funds: क्रेडिट रिस्क फंड्स में हाई रिटर्न के पीछे की क्या है हकीकत? जानिए किसे करना चाहिए निवेशITR Filing2025: देर से ITR फाइल करना पड़ सकता है महंगा, जानें कितनी बढ़ सकती है टैक्स देनदारीPower Stock में बन सकता है 33% तक मुनाफा, कंपनियों के ग्रोथ प्लान पर ब्रोकरेज की नजरें

लंबी चल सकती है Byju’s की लड़ाई, रवींद्रन नहीं छोड़ने वाले सीईओ का पद

रवींद्रन कंपनी को चलाए रखने के लिए व्यक्तिगत गारंटी पर ऋणदाताओं से रकम जुटा रहे हैं।'

Last Updated- February 25, 2024 | 11:32 PM IST
Byjus

बैजूस के मुख्य कार्य अधिकारी बैजू रवींद्रन और उनके परिवार के सदस्यों को बोर्ड से बाहर करने की मांग करने वाले बैजूस के निवेशकों के साथ कंपनी की लड़ाई लंबी खिंच सकती है। उद्योग के सूत्रों और कानूनी जानकारों का मानना है कि इससे कंपनी के संचालन और बाजार साख पर भी बुरा असर पड़ सकता है।

उद्योग के सूत्रों और रवींद्रन के नजदीकी लोगों ने कहा कि वह (रवींद्रन) मुख्य कार्य अधिकारी का पद नहीं छोड़ने वाले हैं और अपने परिवार के सदस्यों को भी बोर्ड में बरकरार रखने के लिए भी पूरी ताकत से भिड़ेंगे।

सूत्रों ने बताया कि रवींद्रन ने अपने कर्मचारियों से कहा कि उन्होंने अपना फर्ज निभाने के लिए सब कुछ किया है। साथ ही कर्मचारियों के वेतन भुगतान और कंपनी के संचालन के लिए पिछले दो वर्षों में व्यक्तिगत रूप से कंपनी में 1.1 अरब डॉलर का निवेश भी किया है। एक व्यक्ति ने कहा, ‘रवींद्रन कंपनी को चलाए रखने के लिए व्यक्तिगत गारंटी पर ऋणदाताओं से रकम जुटा रहे हैं।’

लॉ फर्म केएस लीगल ऐंड एसोसिएट्स में मैनेजिंग पार्टनर सोनम चंदवानी ने कहा, ‘बैजू रवींद्रन को कंपनी में अपनी गहरी प्रतिबद्धता और काफी निजी त्याग के लिए जाना जाता है। इसलिए, वह बिना लड़ाई लड़े अपना पद छोड़ दें ऐसा मुमकिन नहीं दिखता है।’

उन्होंने कहा, ‘इस प्रतिरोध से कानून विवाद लंबा चल सकता है जिससे स्थिति और अधिक खराब हो सकती है। इससे कंपनी के संचालन और प्रतिष्ठा पर भी प्रतिकूल असर पड़ने की आशंका है।’

First Published - February 25, 2024 | 10:34 PM IST

संबंधित पोस्ट