संध्या देवनाथन को मेटा का भारतीय व्यवसाय संभाले करीब 9 महीने हो चुके हैं। फेसबुक के भारत में करीब 45 करोड़ उपयोगकर्ता हैं। एक व्यक्तिगत रिपोर्ट में देवनाथन ने कहा था कि वह 17 साल बाद अपने देश वापस आई हैं। उन्होंने भारत में सिटी के साथ अपने सफर की शुरुआत की। शिवानी शिंदे के साथ एक वीडियो साक्षात्कार में देवनाथन ने भारत में मेटा के लिए अगली बड़ी तैयारियों और अपनी प्राथमिकताओं के बारे में विस्तार से बताया। संपादित अंश:
मैं नवंबर से टीम के साथ बातचीत कर रही हूं, इसलिए तकनीकी तौर पर यह मेरा 9वां महीना है। मैंने पहले आठ महीने टीम को जानने, सभी व्यवसायों को अच्छी तरह से समझने में बिता दिए। यहां तक कि जब मैं देश में रह रही हूं तो मैं देश के दूसरे पक्ष को भी देख रही हूं, जिसे में बाहर रहते हुए नहीं देख सकती थी। मैं डिजिटल संबंधित बदलाव देख रही हूं।
बिजनेस मैसेजिंग को भारत में मेटा के लिए विकास का अगला इंजन बनाया जाएगा। मैं इसे विकास के अगले कदम के तौर पर देखती हूं और इससे व्यावसायिक बदलाव की भी उम्मीद है। खासकर व्हाट्सऐप पर अपनी शुरुआत कर रहे व्यवसायों पर मैंने ध्यान केंद्रित किया है।
इसके अलावा, मेरा मानना है कि हम बड़े और छोटे ब्रांडों में मजबूती के साथ शामिल हैं और उन्हें न सिर्फ व्हाट्सऐप बल्कि फेसबुक और इंस्टाग्राम पर भी पेश करते हैं। भारत ने 8 लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य रखा है और छोटे व्यवसाय इसमें मजबूत योगदान देंगे तथा मेटा इसका हिस्सा बन सकेगा।
हम उन सभी नियमों का स्वागत करते हैं जो उपयोगकर्ता सुरक्षा और नवाचारों के बीच संतुलन पैदा करते हों। इससे हमें स्पष्टता मिलेगा, लेकिन संबंधित नियम मंत्रालय द्वारा तैयार किए जाएंगे। हम किसी तरह की प्रतिक्रिया देने से पहले इन नियमों का इंतजार कर रहे हैं।
इस संबंध में दो बातें हैं : पहली, हमारे लिए बिजनेस मैसेजिंग कंपनी की राजस्व वृद्धि का अगला बड़ा इंजन होगा। हमारे पास सभी आकारों के व्यवसायों में बदलाव लाने का अनुभव है। दिलचस्प बात यह है कि हमारे द्वारा कराए गए एक सर्वे में हमारे प्लेटफॉर्म पर 90 प्रतिशत लोगों ने व्यवसाय के बारे में बात की, 70 प्रतिशत ने फोन पर बात करने के बजाय बिजनेस के बारे में मैसेज भेजना पसंद किया।
इसलिए, पता चलता है कि उपभोक्ता व्यवहार में बड़ा बदलाव आया है। प्लेटफॉर्म के तौर पर हम इस बदलाव का लाभ उठाने में सक्षम हैं। दूसरी, देश में बाजार जीडीपी के प्रतिशत के तौर पर अभी भी कमजोर बना हुआ है। भारत में विज्ञापन की जीडीपी के योगदान का प्रतिशत अभी भी कम है। यह 0.5 प्रतिशत है, जबकि अमेरिका में 1.9 प्रतिशत है। लेकिन डिजिटल के संदर्भ में भारत में तेजी से विकास हो रहा है।
हमने हाल में कहा कि हमारा एफबी (फेसबुक) उपयोगकर्ता आधार वैश्विक रूप से 2.2 अरब है। एफबी एक बेहद लोकप्रिय और संपन्न कम्युनिटी है। ये ऐसे कई कार्यों से जुड़ा हआ है जो एआई द्वारा किए जाते हैं। अब एफबी पर 25 प्रतिशत सुझाव एआई इंजन से जुड़े होते हैं। अन्य महत्वपूर्ण चीज है एफबी पर रील्स की उपलब्धता है। बिजनेस मैसेजिंग पर हमारा ध्यान बना हुआ है। हमारे प्लेटफॉर्मों पर वीडियो इस्तेमाल भी बढ़ रहा है।
भारत में बड़ी तादाद में उपयोगकर्ता मौजूद हैं और यहां उनके रुख में आ रहा बदलाव हमारे लिए बेहद महत्वपूर्ण है। उदाहरण के लिए, व्हाट्सऐप और जियोमार्ट ऐप इकोसिस्टम यहां बनाए गए हैं। माईगॉव ऐप अन्य उदाहरण है।