Budget 2024: केंद्र सरकार ऋणशोधन अक्षमता एवं दिवालिया संहिता में बदलाव करने का प्रस्ताव रख रही है। इसके तहत ऋणशोधन न्यायाधिकरणों और अपील प्राधिकरणों को मजबूत करने के लिए भी कदम उठाए जाएंगे। बजट भाषण के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इन बदलावों का मकसद दिवाला कार्यवाही वाली कंपनियों के लिए समाधान प्रक्रिया तेज करना है।
इसके अलावा सरकार अधिक न्यायाधिकरणों की स्थापना करेगी, जिनमें से कुछ को विशेष रूप से कंपनी अधिनियम के तहत मामलों का फैसला करने के लिए अधिसूचित किया जाएगा। सीतारमण ने कहा कि आईबीसी के नतीजों में सुधार के लिए एक एकीकृत प्रौद्योगिकी मंच स्थापित किया जाएगा, ताकि सभी हितधारकों के लिए स्थिरता, पारदर्शिता और बेहतर निगरानी हासिल की जा सके।
इसके अलावा सरकार ऋणशोधन न्यायाधिकरणों में बदलाव लाने और मजबूत करने के लिए कदम उठाएगी और देश में ऋण वसूली में तेजी लाने के लिए अतिरिक्त न्यायाधिकरण स्थापित करेगी।
बजट भाषण के दौरान सीतारमण ने उल्लेख किया कि आईबीसी ने 1,000 से अधिक मामलों का समाधान किया है, जिसके चलते ऋणदाताओं को 3.3 लाख करोड़ रुपये मिले हैं। इसके अलावा, 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक के 28,000 मामलों का निपटारा दिवाला प्रक्रिया में प्रवेश से पहले ही कर दिया गया।