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बीपीसीएल और गेल बनाएंगी नई कंपनी

Last Updated- December 05, 2022 | 5:03 PM IST

भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (बीपीसीएल) और गेल (इंडिया) संयुक्त उद्यम के तहत एक नई गैस कंपनी, गॉड्स ओन गैस (गो गैस) बनाएंगी।


 प्रस्तावित कंपनी केरल और कर्नाटक के घरेलू उपभोक्ताओं को सीएनजी और पाइप गैस पहुंचाने का काम करेगी।गेल और बीपीसीएल 400 करोड़ रुपये के इस उद्यम के लिए पहले ही समझौता पत्र पर हस्ताक्षर कर चुकी हैं।


संयुक्त उद्यम में कंपनी का इक्विटी ढांचा दिल्ली में गैस आपूर्ति करने वाली इंद्रप्रस्थ गैस की तरह ही रहेगा। गेल और बीपीसीएल में से हरेक का कंपनी में 22.5 प्रतिशत हिस्सा होगा। इसके अलावा केरल सरकार का हिस्सा 5 प्रतिशत होगा। बाकी हिस्सा रणनीतिक निवेशकों, सार्वजनिक और वित्त संस्थानों के पास रहेगा।


गैस के प्रमुख प्रबंधक (व्यापार विकास), राजीव माथुर का कहना है, ‘हम कोच्चि के पेट्रोनेट तरल प्राकृतिक गैस (लिक्विफाइड नैचुरल गैस, एलएनजी) टर्मिनल से गैस आने का इंतजार कर रहे हैं। कंपनी का आकार इस पर ही आधारित होगा।’


इस टर्मिनल के शुरू होने में देरी हो रही है। इसके अब 2011 में चालू होने की संभावना है। पहले उम्मीद की जा रही थी कि 2009 के अंत तक पूरा न होने के बाद यह टर्मिनल जून 2010 तक तैयार हो जाएगा। यह देश का चौथा एलएनजी टर्मिनल होगा,जिसकी सालाना क्षमता 50 लाख टन होगी।


गेल और बीपीसीएल के लिए चीजें बहुत आसान नहीं हैं। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (पीएनजीआरबी) ने नवंबर 2007 में देश में शहरी गैस वितरण नेटवर्क के लिए बोलियों के जरिये सार्वजनिक और निजी कंपनियां चुनने का प्रस्ताव रखा था।


तेल नियामक ने एक मसौदा तैयार किया था, जिसमें कंपनियों के चयन और स्थानीय गैस वितरण नेटवर्क को बनाने व विस्तार करने के प्रस्तावित तरीके बताए गए थे।



प्रस्ताव के अनुसार, बोर्ड खुद कंपनियों से प्रारंभिक बोलियां आमंत्रित करेगा, जो किसी निर्दिष्ट भौगोलिक स्थान पर नेटवर्क को बिछाने, काम करने या फिर विस्तार करने में इच्छुकहोंगी। बोलियों का आकलन कंपनियों की ओर से दिए गए तकनीकी और शुल्क विवरण के आधार पर किया जाएगा।


फिलहाल, राज्य सरकारें कंपनियों को अपने मानदंडों पर शहरी गैस वितरण नेटवर्क बिछाने की अनुमति दे रही हैं, जिसके लिए प्रतिस्पर्धात्मक बोलियों की जरूरत नहीं है।

First Published - March 26, 2008 | 12:43 AM IST

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