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भारत में ही अपने विमान बनाए बोइंग- ज्योतिरादित्य सिंधिया

एयर इंडिया ने फरवरी में 250 एयरबस और 220 बोइंग यानी कुल 470 विमानों का ऑर्डर दिया था, जिसमें नैरो बॉडी व वाइड बॉडी विमान शामिल हैं।

Last Updated- June 20, 2023 | 9:47 PM IST
Jyotiraditya Scindia

नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मंगलवार को कहा कि एयरबस व बोइंग के लिए भारत में वाणिज्यिक विमानों का विनिर्माण केंद्र स्थापित करने का समय आ गया है। इससे एक दिन पहले इंडिगो ने विमानों का दुनिया का सबसे ऑर्डर दिया।

एयर इंडिया ने फरवरी में 250 एयरबस और 220 बोइंग यानी कुल 470 विमानों का ऑर्डर दिया था, जिसमें नैरो बॉडी व वाइड बॉडी विमान शामिल हैं। इंडिगो ने सोमवार को एयरबस को 500 ए 320 फैमिली एयरक्राफ्ट का ऑर्डर दिया, जो नैरो बॉडी विमान होगा।

ऐसे दो बड़े ऑर्डरों पर विचार कर अगर एयरबस को भारत में विनिर्माण केंद्र स्थापित करना चाहिए, सिंधिया ने कहा, मुझे नहीं लगता कि हमारे लिए एयरबस को मशवरा देने का यह सही वक्त नहीं होगा, जो उसे अंतरराष्ट्रीय रणनीति के लिहाज से करना चाहिए। इसका फैसला एयरबस व बोइंग को करना है। लेकिन मुझे लगता है कि भारत में विनिर्माण केंद्र स्थापित करने का समय आ गया है।

सिंधिया ने कहा कि एयरबस पहले ही भारत पर नजर डाल चुकी है। सी-295 (सैन्य विमान) इकाई पहला ऐसा विशाल कदम है, जो एयरबस ने भारत में विनिर्माण सुविधा स्थापित करने के लिहाज से उठाया है। उन्होंने संवाददाता सम्मेलन के दौरान कहा कि इसे वडोदरा में स्थापित किया जा रहा है और प्रधानमंत्री ने उसके लिए आधारशिला रखी हे। इसलिए एयरबस पहले से ही यहां है।

सितंबर 2021 में भारत ने भारतीय वायु सेना के पुराने एवरो-748 विमानों को बदलने के लिए 56 सी-295 परिवहन विमान खरीदने के लिए एयरबस के साथ लगभग 21,000 करोड़ रुपये का सौदा किया था। इस समझौते के तहत एयरबस चार साल के भीतर अपने स्पेन वाले संयंत्र से 16 सी-295 विमानों की आपूर्ति करेगी और उसके बाद शेष 40 विमानों का विनिर्माण टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स के सहयोग से गुजरात के वड़ोदरा में किया जाएगा।

मंत्री ने पिछले महीने कहा था कि विमानन कंपनियों के बेड़े में चौड़े आकार वाले और अधिक विमान होने चाहिए ताकि वे अधिक अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का परिचालन कर सकें, जिससे भारत नागरिक उड्डयन केंद्र बन सकेगा। किसी चौड़े आकार वाले विमान में ईंधन का बड़ा टैंक होता है, जिससे वह भारत-अमेरिका मार्गों जैसी लंबी दूरी तय कर सकता है।

First Published - June 20, 2023 | 9:47 PM IST

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