बाबा कल्याणी ग्रुप (BNK Group) की दो लिस्टेड फर्मों ने हिकल (Hikal) के मालिकाना हक को लेकर चल रहे पारिवारिक विवाद वाली याचिका में पक्षकार बनाए जाने का विरोध किया है। स्पेशियलिटी केमिकल्स कल्याणी (speciality chemicals Kalyani) के सह-प्रवर्तक और हीरेमठ फैमिली (Hiremath families) कानूनी विवाद में उलझे हुए हैं। हीरेमठ फैमिली तीन दशक पुरानी पारिवारिक व्यवस्था का हवाला देते हुए BNK Group के पास मौजूद शेयरों का मालिकाना हक ट्रांसफर करने की मांग कर रही है।
बंबई उच्च न्यायालय (Bombay High Court) में हीरेमठ की तरफ से दाखिल याचिका के जवाब में एक शपथपत्र के जरिये BF Investment (BFIL) और Kalyani Investment Company (KICL) ने कहा है कि वे अलग कानूनी इकाइयां हैं और फैमिली अरेंजमेंट के तहत न तो उनका गठन हुआ है और न ही इसमें वे पक्षकार हैं।
पिछले महीने एक्सचेंज को दी सूचना में हिकल ने कहा था कि प्रवर्तक जयदेव हीरेमठ और पत्नी सुगंधा (कल्याणी की बहन) ने याचिका दाखिल की है। इसके तहत BNK Group के पास मौजूद हिकल के शेयरों का ट्रांसफर हीरेमठ फैमिली को करने की मांग की गई है और इसके लिए बाबा व सुगंधा के माता-पिता को शामिल करते हुए की गई व्यवस्था का हवाला दिया है।
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अभी KICL के पास हिकल की 31.36 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि BFIL के पास 2.65 फीसदी, जिस पर हीरेमठ फैमिली दावा कर रही है। KICL और BFIL ने कहा है कि उनके पास क्रमश: 20 हजार व 16 हजार खुदरा शेयरधारकों का आधार है, जिन्होंने उसकी परिसंपत्तियों के आधार पर निवेश किया है। हिकल में उनकी हिस्सेदारी के ट्रांसफर से इन शेयरधारकों पर प्रतिकूल असर पड़ेगा और यह उनके खिलाफ नाइंसाफी होगी। उन्होंने अपने शपथपत्र में ये बातें कही है।
BFIL ने शपथपत्र में कहा है, अगर इस तरह की राहत दी जाती है तो इससे अल्पांश शेयरधारकों की तरफ से कानूनी संघर्ष शुरू होगा और इससे वास्तव में प्रतिभूति बाजार में अफरातफरी देखने को मिलेगी।