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बीएमडब्ल्यू 2008 में बेचेगी 2,800 कार

Last Updated- December 07, 2022 | 12:00 PM IST

लक्जरी कारों के प्रति भारतीय ग्राहकों के बढ़ते लगाव को देखकर जर्मनी की कार निर्माता कंपनी बीएमडब्ल्यू ने वर्ष  2008 के लिए अपना बिक्री लक्ष्य 40 फीसदी बढ़ाकर 2,800 कार बेचने का कर लिया है।


इसमें से लगभग 2,200 कार कंपनी के चेन्नई स्थित संयंत्र में बनाई जाएगी। जबकि बाकी की 600 कारें कंपनी के मुख्यालय म्यूनिख से आयात की जाएंगी। अगर बीएमडब्ल्यू इस साल 2,800 क ारों की बिक्री का आंकड़ा हासिल करने में कामयाब हो जाती है तो कंपनी की बिक्री में पिछले साल के मुकाबले 102 फीसदी का इजाफा हो जाएगा।

बीएमडब्ल्यू उस वक्त यह आंकड़ा हासिल करने के बारे में सोच रही है जब यात्री कारें बेचने वाली भारतीय कंपनियों को इस वित्त वर्ष में बिक्री आंकड़ा एक अंक में ही रहने की चिंता सता रही है। कंपनी का कहना है कि उसने भारतीय बाजार में अभी तक खुद की उम्मीद से भी बेहतर प्रदर्शन किया है । साल 2007 में कंपनी ने लगभग 1,000 कारें बेचने का लक्ष्य रखा था। लेकिन साल के अखिर तक कंपनी ने भारत में 1,387 कारें बेच दी थी।

कंपनी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष (एशिया, प्रशांत और दक्षिण अफ्रीका) डेविड पेंटन ने कहा कि ये बीएमडब्ल्यू जैसी कंपनी के लिए कोई छोटी उपलब्धि नहीं हैं। दरअसल भारत में कंपनी की कार की कीमत 27 लाख रुपये से लेकर 1.31 करोड़ रुपये के बीच होती है। चेन्नई में महिंद्रा वर्ल्ड सिटी के करीब कंपनी के असेंबली संयंत्र की क्षमता 3,000 कार असेंबल करने की है। पेंटन ने कहा, ‘यह क्षमता साल 2008-09 में हमारे बिक्री के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काफी है।

सालाना 3,000 कार की यह क्षमता एक शिफ्ट में काम करने पर है।’ कंपनी ने भारत में अभी तक के  अपने प्रदर्शन को देखते हुए बाकी साल के लिए अपना बिक्री लक्ष्य बढ़ा लिया है। दिलचस्प बात यह है कि बीएमडब्लयू ने अपना बिक्री लक्ष्य उस वक्त बढ़ाया है जबकि भारतीय कार बाजार बुरे दौर से गुजर रहा है। वित्त वर्ष 2007-08 में लगभग 12 फीसदी की रफ्तार से विकास करने वाले यात्री कार बाजार अब कारों की कीमत बढ़ाने को मजबूर है।

दरअसल इस्पात, रबर और कच्चे तेल की कीमत बढ़ने के कारण कार कंपनियों को कारों के दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं। सालाना कुछ हजार लक्जरी कारों की बिक्री का भारतीय बाजार तेजी से बढ़ रहा है। कभी भारतीय लक्जरी बाजार में टोयोटा की लेक्सस का दबदबा था।

First Published - July 18, 2008 | 12:21 AM IST

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