वाराणसी में दो दिन की हड़ताल में शामिल ब्लिंकइट के लगभग 150 डिलिवरी पार्टनर ने दावा किया है कि फर्म ने उनकी आईडी ब्लॉक कर दीं। क्विक कॉमर्स प्लेटफार्म ने केवल उन्हीं लोगों करआईडी को बहाल किया, जिन्होंने भविष्य में हड़ताल जैसी गतिविधियों में शामिल नहीं होने का वचन दिया। गिग ऐंड प्लेटफॉर्म सर्विस वर्कर्स यूनियन के अनुसार लगभग 120 डिलिवरी पार्टनर ने इन वचन पत्रों पर हस्ताक्षर किए हैं। साथ ही कंपनी को वीडियो संदेश भेजकर कहा कि वे हड़ताल को समर्थन नहीं देंगे। इस मामले पर ब्लिंकइट ने खबर लिखे जाने तक बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा भेजे गए सवालों का जवाब नहीं दिया।
डिलिवरी पार्टनर ने 26 और 27 अप्रैल को वाराणसी में ब्लिंकइट के रानीपुर स्टोर पर विरोध प्रदर्शन किया था, जिसमें दोपहर 12 से 4 बजे के बीच अनिवार्य काम के घंटों को समाप्त करने, न्यूनतम वेतन बढ़ाने, उचित विश्राम क्षेत्र आवंटित करने समेत कई अन्य बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ गर्मी के अनुकूल कपड़े प्रदान करने की मांग की गई थी। बिज़नेस स्टैंडर्ड से बातचीत में प्रभावित डिलिवरी पार्टनर ने कहा कि कंपनी की प्रतिक्रिया से पता चलता है कि यह बेरोजगारी या वैकल्पिक रोजगार के अवसरों की कमी के कारण युवाओं की मजबूरी का फायदा उठा रही है।
कर्मचारी यूनियन के राष्ट्रीय समन्वयक निर्मल गोराना अग्नि ने कहा कि कंपनी की कार्रवाई दंडात्मक है। अग्नि ने कहा, ‘लगभग 25-30 आईडी अभी भी ब्लॉक रखी गई हैं। कंपनी की कर्मचारियों से सबसे अधिक धूप वाले घंटों (दोपहर 12 से 4 बजे से) के दौरान काम करने का दबाव बनाना जबरदस्ती मजदूरी की श्रेणी में आता है। ऐसी कोई नियम या कानून नहीं है, जो कंपनियों को ऐसे गैर-पेशेवर रवैया अपनाने की छूट दे।’ यूनियन ने इस संबंध में वाराणसी के श्रम विभाग और शहर के जिला मजिस्ट्रेट कार्यालय को भी पत्र लिखकर अवगत कराया है। डिलिवरी पार्टनर ने कहा कि कंपनी ने उन पर इस बात का दबाव बनाया कि जो कर्मचारी भविष्य में किसी प्रकार की हड़ताल या काम रोको प्रदर्शन में शामिल नहीं होने का शपथ पत्र देगा, केवल उसी की आईडी खोली जाएगी अन्यथा अन्य के खिलाफ कंपनी को कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार है।
वाराणसी स्थित ब्लिंकइट डिलिवरी कर्मचारी आकाश राय ने बताया कि वह पांच साल से इस प्लेटफार्म के साथ काम कर रहे हैं। जब कर्मचारियों ने अपने बुनियादी अधिकारों की बात की तो कंपनी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया। मेरी आईडी अभी भी ब्लॉक है। फर्म ने मुझे माफीनामे के साथ एक वीडियो भेजने के लिए कहा था, लेकिन वह बिल्कुल भी ऐसा नहीं करेंगे। कंपनी ने अपने रेट कार्ड में काफी बदलाव किया है जिससे हमारा गुजारा मुश्किल हो रहा है।’ ब्लिंकइट में आईडी ब्लॉक होने के बाद राय ने हाल ही में एक अन्य क्विक कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ काम करना शुरू कर दिया है।
राय ने यह भी बताया कि जहां पहले कंपनी 10 ऑर्डर पर 100 रुपये से अधिक प्रोत्साहन राशि देती थी, वहीं अब इस राशि में काफी कटौती कर दी गई है। उन्होंने कहा कि डिलिवरी पार्टनर को 500 से 600 मीटर की दूरी के लिए सिर्फ 14-15 और 3 से 3.5 किलोमीटर के लिए 35 रुपये ही मिलते हैं। उन्होंने कहा, ‘वह प्रतिदिन पेट्रोल पर 200 रुपये खर्च करते हैं। इसके अलावा बाहर खाना खाने पर भी 100 रुपये चले जाते हैं। बाइक का रखरखाव और अन्य घरेलू व्यय भी होते हैं।’
साइकिल से ऑर्डर पहुंचाने वाली एक अन्य डिलिवरी पार्टनर राधा गुप्ता ने कहा, ‘मैं 15 और 18 साल की दो बेटियों के साथ किराए के मकान में रहती हूं। मेरी आईडी अभी भी नहीं चल रही है, क्योंकि मैंने कंपनी को माफीनामा और उससे संबंधित वीडियो नहीं भेजा है। मैं लिखित में अपनी बात कहने से डरती हूं, क्योंकि कंपनी भविष्य में किसी भी गलत बात के लिए मुझे जिम्मेदार ठहरा सकती है।’ राय की तरह ही गुप्ता ने भी एक अन्य डिलिवरी प्लेटफॉर्म के साथ काम पकड़ लिया है। राय और गुप्ता जैसे कई कर्मचारियों के विपरीत अभिषेक कुमार की आईडी खोल दी गई है, क्योंकि उन्होंने ब्लिंकइट को माफीनामा लिखकर भेज दिया है। वह कहते हैं, ‘भले आईडी अनब्लॉक हो गई हो, लेकिन काम करने की स्थिति ऐसी ही है जैसी हड़ताल से पहले थी।