भारतीय शेयर बाजार के नई ऊंचाई पर पहुंचने के साथ ही अमेरिका की प्रमुख निजी इक्विटी कंपनी ब्लैकस्टोन इंक ने अपनी दो भारतीय पोर्टफोलियो कंपनियों को सूचीबद्ध कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें पंचशील समूह के साथ संयुक्त उद्यम वेंटिव हॉस्पिटैलिटी और हीरा ग्रेडिंग कंपनी इंटरनैशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (आईजीआई) शामिल हैं।
वेंटिव हॉस्पिटैलिटी ने आईजीआई के आईपीओ का मसौदा पत्र दाखिल होने के कुछ ही सप्ताह बाद बाजार नियामक सेबी के पास आज अपना मसौदा पत्र दाखिल किया। इसी साल मई में आधार हाउसिंग फाइनैंस को सफलतापूर्वक सूचीबद्ध कराने के बाद ब्लैकस्टोन द्वारा सूचीबद्ध कराए जाने वाली यह तीसरी कंपनी होगी।
अमेरिकी निजी इक्विटी कंपनी ने अपने भारतीय साझेदार के साथ मिलकर वेंटिव हॉस्पिटैलिटी में 10 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचकर 2,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना बनाई है। इसी प्रकार आईजीआई में भी 10 फीसदी तक हिस्सेदारी बेचकर 4,000 करोड़ रुपये जुटाने की योजना है। ब्लैकस्टोन की वेंटिव हॉस्पिटैलिटी में 37 फीसदी और आईजीआई में 100 फीसदी हिस्सेदारी है। मई 2023 में ब्लैकस्टोन ने आईजीआई को करीब 53 करोड़ डॉलर के एक सौदे के तहत खरीदा था।
भारतीय शेयर बाजार में आकर्षक मूल्यांकन को देखते हुए कई निजी इक्विटी निवेशक अपनी पोर्टफोलियो कंपनियों को सूचीबद्ध करने की तैयारी में हैं। इसी क्रम में अमेरिकी निवेशक कार्लाइल ने आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) के जरिये हेक्सावेयर टेक्नोलॉजिज में 9,950 करोड़ रुपये के शेयर बेचने की योजना बनाई है। उसने पिछले सप्ताह सेबी के पास अपना मसौदा पत्र दाखिल किया है।
प्राइमडेटाबेस के अनुसार, इस साल अब तक पीई/ वीसी फर्मों ने आईपीओ के जरिये अपनी कुछ हिस्सेदारी बेचकर 8,059 करोड़ रुपए जुटाए हैं। जनवरी में इन्वेस्टकॉर्प पीई फंड ने आईपीओ के जरिये मेडिअसिस्ट में अपनी कुछ हिस्सेदारी बेची थी। न्यूक्वेस्ट एशिया इन्वेस्टमेंट ने पिछले महीने आईपीओ के जरिये ब्रेनबीज सॉल्यूशंस में अपनी हिस्सेदारी बेची थी।
इस बारे में संपर्क करने पर ब्लैकस्टोन के प्रवक्ता ने आईजीआई और वेंटिव हॉस्पिटैलिटी के लिए आईपीओ संबंधी योजनाओं की पुष्टि की। मगर उन्होंने कहा कि यह मंजूरियों और बाजार की स्थिति पर निर्भर करेगी।
एक बैंकर ने कहा कि ब्लैकस्टोन भविष्य में पीजीपी ग्लास को भी सूचीबद्ध करा सकती है। मगर कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि फिलहाल पीजीपी ग्लास में अपने निवेश को समेटने अथवा आईपीओ की कोई योजना नहीं है। ब्लैकस्टोन ने 2020 में पीरामल समूह के साथ 1 अरब डॉलर के एक सौदे के तहत पीजीपी ग्लास का अधिग्रहण किया था।
एक बैंकर ने कहा कि भारतीय कारोबार को सूचीबद्ध कराने संबंधी ब्लैकस्टोन की योजना बाजार की स्थितियों और पेशकश के लिए निवेशकों की मांग पर निर्भर करेगी। एक बैंकर ने कहा कि ब्लैकस्टोन ने बेहतर मूल्यांकन के लिए ही एक बार मसौदा पत्र दाखिल करने के बाद आधार हाउसिंग फाइनैंस की सूचीबद्ध को तीन साल तक टाल दिया था।
ब्लैकस्टोन भारत में 50 अरब डॉलर के निवेश के साथ सबसे बड़ा पीई निवेशक है। पिछले महीने उसने ब्लॉक डील के जरिये अपने रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (रीट) नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट में 20 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर करीब 4,500 करोड़ रुपये जुटाए थे। नेक्सस सेलेक्ट ट्रस्ट भारत का पहला रीट है। जून में ब्लैकस्टोन ने मझोले आकार की आईटी कंपनी एमफैसिस में 15.1 फीसदी हिस्सेदारी बेचकर 6,736 करोड़ रुपये जुटाए थे।
ब्लैकस्टोन के शीर्ष अधिकारियों ने अप्रैल में कहा था कि कंपनी आगामी वर्षों के दौरान भारत में 25 अरब डॉलर का अतिरिक्त निवेश करेगी।