निजी इक्विटी फर्म ब्लैकस्टोन इंक 10 अरब डॉलर से अधिक का तीसरा एशिया केंद्रित फंड जुटा रही है जिनमें से बड़ा हिस्सा भारत में निवेश करने की योजना है। ब्लैकस्टोन एडवाइजर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक प्रतीक रूंगटा ने कहा, ‘हम तीसरा एशिया केंद्रित फंड जुटाने की प्रक्रिया में हैं। हमारे पास दूसरे एशिया फंड की कुछ पूंजी बची हुई है जिससे हमें 2025 की पहली छमाही में पूंजी निवेश करने में आसानी होगी। और तीसरे फंड से 2025 की तीसरी तिमाही से निवेश शुरू किया जाएगा।’
ब्लैकस्टोन के निवेश वाली 10वीं कंपनी के आरंभिक सार्वजनिक निर्गम की घोषणा के दौरान रूंगटा ने कहा, ‘कोष कितना बड़ा होगा अभी तय नहीं है मगर हम 10 अरब डॉलर से ज्यादा के कोष की उम्मीद कर रहे हैं। दूसरे एशिया फंड में 75 फीसदी रकम भारत और जापान के लिए आवंटित की गई थी और शेष 25 फीसदी रकम अन्य एशियाई बाजारों में निवेश के लिए तय की गई थी। तीसरे एशिया फंड में से 50 से 60 फीसदी रकम भारत में और 25 से 20 फीसदी जापान में निवेश की जाएगी। बाकी रकम एशिया के अन्य देशों में लगाई जाएगी।’ ब्लैकस्टोन भारत में सबसे बड़ा पीई निवेशक है और इसने देश के रियल एस्टेट सहित
विभिन्न क्षेत्रों में कुल 50 अरब डॉलर से ज्यादा का निवेश किया है। ब्लैकस्टोन के निवेश वाली इंटरनैशनल जेमोलॉजिकल इंस्टीट्यूट इंडिया का 4,225 करोड़ रुपये का आईपीओ 13 दिसंबर को आएगा। इसमें ब्लैकस्टोन अपनी 24 फीसदी हिस्सेदारी बेचेगी।
रूंगटा ने कहा कि ब्लैकस्टोन इस साल आधार हाउसिंग फाइनैंस का आईपीओ लाई थी और अगले साल जनवरी में होटल श्रृंखला वेंटिव हॉस्पिटैलिटी का आईपीओ लाएगी। उन्होंने कहा, ‘यह साल हमारे लिए अच्छा रहा। हम आधार हाउसिंग सहित कुछ अन्य कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी बेचने में सफल रहे।’
रूंगटा ने कहा कि पिछले 15 वर्षों में ब्लैकस्टोन का ध्यान 5 क्षेत्रों – औद्योगिक, कंज्यूमर, फिनटेक, तकनीक और स्वास्थ्य देखभाल पर था। उन्होंने कहा, ‘हम 2025 में भी इन क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेंगे और उन क्षेत्रों में विस्तार नहीं करेंगे जिसकी हमें ज्यादा समझ नहीं है। उपभोक्ता मांग नरम है मगर हमारा निवेश पीजीपी, ईपीएल और आईजीआई इंडिया जैसे परोक्ष उपभोक्ता क्षेत्रों में है, जो अच्छी वृद्धि दर्ज कर रहे हैं। स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्र पर भी हमारा ध्यान रहेगा। हम देश में तीसरी सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखला संचालित करने वाली कंपनी हैं।’ रूंगटा ने कहा, ‘फिनटेक में हमारा चार निवेश है और इस क्षेत्र के विकास को लेकर हम आशान्वित हैं।’
भारत के आर्थिक प्रदर्शन के संदर्भ में रूंगटा ने कहा कि सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर में नरमी ज्यादा चिंता की बात नहीं है। उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह अस्थायी नरमी है क्योंकि सरकार वृद्धि और मुद्रास्फीति में संतुलन बनाने का प्रयास कर रही है। वित्त वर्ष 2025 में 8 फीसदी वृद्धि दर की उम्मीद नहीं है मगर 7 फीसदी भी अच्छी वृद्धि मानी जाएगी।’