अनिल अग्रवाल की Vedanta Limited ने हिंदुस्तान जिंक में अपनी लगभग सभी हिस्सेदारी गिरवी रख दी है।
CNBCTV18 की रिपोर्ट्स के अनुसार, कंपनी ने 22 मई को Axis Trustee Services Ltd के पक्ष में 13.94 करोड़ शेयर या कुल इक्विटी का 3.3 फीसदी गिरवी रखा है।
बता दें कि हिंदुस्तान जिंक में प्रमोटर वेदांता की 64.92 फीसदी हिस्सेदारी है, जिसे कंपनी ने लगभग पूरी तरह से गिरवी रख दिया है।
कंपनी ने पिछले महीने एक्सिस ट्रस्टी सर्विसेज के साथ हिंदुस्तान जिंक में 10 करोड़ शेयर या अपनी इक्विटी का 2.44 प्रतिशत हिस्सा गिरवी रखा था, जिसके बाद से हिंदुस्तान जिंक में कुल गिरवी हिस्सेदारी 91 प्रतिशत हो गई।
इस खबर के आने से हिंदुस्तान जिंक के शेयर में गिरावट देखने को मिली है। रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के शेयर सुबह एक फीसदी गिरकर 304 रुपये के भाव पर आ गए हैं।
आमतौर पर किसी कंपनी को अपने शेयर गिरवी रखने के पीछे का मकसद पैसा जुटाना होता है।
बता दें कि यह प्लेज की खबर कंपनी के $500 मिलियन मूल्य के जंक-रेटेड बॉन्ड की मैच्योरिटी से ठीक पहले आई है।
इस सप्ताह की शुरुआत में, वेदांता ने 18.5 रुपये प्रति शेयर के डिविडेंड की घोषणा की, जो कि वित्तीय वर्ष 2024 में कंपनी के लिए पहला अंतरिम डिविडेंड था।
मौजूदा शेयरहोल्डिंग पैटर्न के आधार पर कंपनी की पैरेंट कंपनी Vedanta Resources को भुगतान के तौर पर 4,683 करोड़ रुपए या 56.4 करोड़ डॉलर मिलेंगे।
31 मार्च तक, , लिस्टेड कंपनी पर 45,620 करोड़ रुपये का कुल कर्ज था। अग्रवाल ने वेदांत में किसी भी संभावित हिस्सेदारी की बिक्री की खबरों का बार-बार खंडन किया, लेकिन हालिया शेयरहोल्डिंग पैटर्न से पता चलता है कि दिसंबर में प्रमोटर होल्डिंग 69.6 प्रतिशत से गिरकर 68.1 प्रतिशत हो गई।