फिनटेक फर्म भारतपे ने अपने पूर्व सह-संस्थापक अशनीर ग्रोवर के साथ विवाद का समाधान कर लिया है। इससे कुछ दिन पहले दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ग्रोवर के करीबी रिश्तेदार को कंपनी के फंड में गबन से संबंधित मामले में गिरफ्तार किया था।
इस निपटान से सह-संस्थापक और कंपनी के बीच वर्षों से चला आ रहा विवाद निपट गया है। समझौते के मुताबिक ग्रोवर अब भारतपे के साथ किसी भी रूप से नहीं जुड़े रहेंगे और न ही वे कंपनी की शेयरधारिता का हिस्सा होंगे। भारतपे ने एक बयान में कहा कि ग्रोवर के कुछ निश्चित शेयर कंपनी के लाभ के लिए रेजिलिएंट ग्रोथ ट्रस्ट को हस्तांतरित किए जाएंगे और उनके बाकी शेयर का प्रबंधन उनका फैमिली ट्रस्ट करेगा। दोनों पक्षकारों ने मामले को आगे न बढ़ाने का फैसला किया है।
इसके बाद ग्रोवर भविष्य में गुरुग्राम की कंपनी के शेयरधारकों की सूची का हिस्सा नहीं होंगे। ग्रोवर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, मैंने भारतपे के साथ विवाद सुलझा लिया है। मैं प्रबंधन और बोर्ड में अपना भरोसा जताता हूं जो भारतपे को आगे ले जाने के लिए सही दिशा में काम कर रहे हैं।
भारतपे और ग्रोवर विगत में लंबे समय से कानूनी विवाद में उलझे रहे हैं। जनवरी 2023 में भारतपे के सह-संस्थापक कोलाडिया ने आरोप लगाया था कि उसने 88 लाख रुपये के भारतपे के 1,611 शेयरों का हस्तांतरण ग्रोवर को किया था लेकिन इसका भुगतान उन्हें नहीं मिला।
बाद में यह मामला अदालत गया। साल 2022 में रकम के गबन से संबंधित भारतपे की शिकायत के बाद आर्थिक अपराध शाखा ने ग्रोवर, उनकी पत्नी माधुरी जैन और परिवार के अन्य सदस्यों के खिलाफ 2023 में एफआईआर दर्ज की। 81 करोड़ रुपये की कथित धोखाधड़ी फर्जी एचआर कंसल्टेंट को अवैध भुगतान, वेंडरों को बढ़ा चढ़ाकर और अनुचित भुगतान, इनपुट टैक्स क्रेडिट में फर्जी लेनदेन और जीएसटी अधिकारियों को जुर्माने का भुगतान, ट्रैवल एजेंसियों को गैर-कानूनी भुगतान आदि से संबंधित हैं।