‘भारत सेमी’ के संस्थापकों – वृंदा कपूर, विनायक डालमिया और मुकुल सरकार से मिलें, जिन्होंने भारत में उन विश्वस्तरीय उत्पाद बनाने का सपना देखा था, जो वैश्विक मानकों को टक्कर देंगे। उनका सफर आईआईटी दिल्ली की इमेज सेंसर लैब से शुरू हुआ, जहां वे पहली बार मिले और साल 2019 में ‘थर्डटेक’ की कल्पना की।
थर्डटेक के लिए उसकी सफलता का क्षण वह रहा, जब इसे अपने लो-लाइट इमेजिंग सेंसर के लिए आर्मी डिजाइन ब्यूरो के उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस सफलता के बाद कंपनी को अमेरिका और और ब्रिटेन के रक्षा विभाग से काम मिला, टीम ने भारत की पहली देसी एकीकृत डिवाइस विनिर्माता बनाने पर ध्यान केंद्रित करना शुरू कर दिया।
साल 2023 में संस्थापकों ने भारत सेमी भी शुरू किया। कपूर ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया ‘भारत सेमी और थर्डटेक एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। हम कंपाउंड सेमीकंडक्टर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जो महत्वपूर्ण तकनीक भी हासिल कर रहे हैं, लेकिन वे सिलिकॉन सेमीकंडक्टर के समान आकार और स्तर वाली नहीं हैं।’
रविवार को अमेरिका के डेलावेयर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति जो बाइडन के बीच हुई बैठक के दौरान घोषित इस पहल का उद्देश्य राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा क्षेत्र में विशेष सेमीकंडक्टर विकसित करने में भारत की क्षमताओं को मजबूत करना है। ‘शक्ति’ नामक ये चिप उन्नत सेंसिंग, संचार और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स में ऐप्लिकेशन के लिए महत्वपूर्ण होंगी। थर्डटेक के सह-संस्थापक और चीफ बिजनेस ऑफिसर विनायक डालमिया ने इस सहयोग को भारत और अमेरिका दोनों के लिए ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया।