भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने दावा किया है कि बैजूस ने 158 करोड़ रुपये के भुगतान में चूक की है। कॉरपोरेट दिवालिया कार्यवाही शुरू करने के लिए BCCI ने एनसीएलटी के बेंगलूरु पीठ से संपर्क किया है। यह मामला BCCI बनाम मेसर्स थिंक ऐंड लर्न प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ है।
28 नवंबर के आदेश के मुताबिक, 6 जनवरी 2023 को ईमेल के जरिये बैजूस को नोटिस जारी किया गया और चूक की रकम 158 करोड़ रुपये थी, जिसमें टीडीएस शामिल नहीं है। यह याचिका दिवालिया संहिता 2016 की धारा 9 के तहत दाखिल की गई है। इसकी सुनवाई एनसीएलटी के बेंगलूरु पीठ में न्यायिक सदस्य के विस्वाल और तकनीकी सदस्य मनोज कुमार दुबे ने की। 28 नवंबर को उन्होंने इस मामले में बैजूस से जवाब मांगा।
कंपनी को दो हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है। इसकी अगली सुनवाई 22 दिसंबर को होगी। नया घटनाक्रम बैजूस के इस ऐलान के महीनों बाद देखने को मिला है जिसमें कंपनी ने कहा था कि उसकी योजना भारतीय क्रिकेट टीम की जर्सी से संबंधित प्रायोजन समाप्त करने की है क्योंकि वह लाभ पर ध्यान केंद्रित कर रही है।
नकदी का संकट झेल रही कंपनी रणनीतिक पुनर्गठन और अपने नेतृत्व टीम को दुरुस्त कर रही है ताकि परिचालन के मामले में दक्षता हासिल हो, नुकसान घटाया जा सके और लाभ हासिल की जा सके। बैजूस ने पुनर्गठन की कवायद के तहत अगले कुछ हफ्तों में अपने करीब 4,000 कर्मचारियों की छंटनी का फैसला लिया है। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
1,000 कर्मियों को नवंबर का रुका वेतन दिया
बैजूस ने तकरीबन 1,000 कर्मचारियों को आज उनका लंबित भुगतान अदा कर कर दिया। इससे इस एडटेक के उन कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली है, जो नवंबर के वेतन का इंतजार कर रहे थे।
यह घटनाक्रम ऐसे समय में सामने आया है, जब संकटग्रस्त कंपनी को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इनमें नई पूंजी हासिल करना, वित्तीय जानकारी में देर और ऋणदाताओं के साथ कानूनी विवाद भी शामिल हैं।
हालांकि कर्मचारियों को 1 दिसंबर तक वेतन मिलना था। बैजूस ने इस मसले के लिए पेरोल सेवा प्रदाता प्रणाली पर विवरण अपलोड करते समय तकनीकी गड़बड़ी को जिम्मेदार ठहराया। अब इस मसले को सुलझा लिया गया है।