वाहन कंपनियों द्वारा 17-18 प्रतिशत की मजबूत राजस्व वृद्धि दर्ज किए जाने का अनुमान है। विश्लेषकों का मानना है कि जिंस कीमतों में नरमी की वजह से कंपनियों के मार्जिन को मदद मिलेगी। दोपहिया मूल उपकरण निर्माताओं (ओईएम) द्वारा दो अंक की बिक्री वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
प्रभुदास लीलाधर (पीएल) के विश्लेषकों ने कहा कि तीसरी तिमाही में वाहन उद्योग ने घरेलू दोपहिया और तिपहिया में मजबूत वृद्धि की मदद से 17 प्रतिशत की शानदार दो अंक की वृद्धि दर्ज की। समीक्षाधीन तिमाही के दौरान, दोपहिया निर्यात मांग 2.5 प्रतिशत तक बढ़ी।
प्रभुदास लीलाधर का मानना है कि उसके कवरेज वाली कंपनियां एक साल पहले के मुकाबले 20 प्रतिशत (जगुआर-लैंड रोवर समेत) और 16 प्रतिशत (जेएलआर को छोड़कर) की राजस्व वृद्धि दर्ज कर सकती हैं।
पीएल ने कहा है, ‘जिंस लागत नरम बनी रहेगी और इससे आगामी तिमाहियों में मार्जिन को लगातार मदद मिलेगी। अपने कवरेज वाली कंपनियों के लिए हमने अपने अनुमानों को एक तिमाही तक आगे बढ़ाया है।’
मोतीलाल ओसवाल के विश्लेषकों ने दिसंबर में एक रिपोर्ट में कहा था कि उन्हें लगातार सातवीं तिमाही में एबिटा मार्जिन सालाना आधार पर सुधरने का अनुमान है। वाहन कंपनियों (जिन्हें मोतीलाल ओसवाल द्वारा कवर किया जाता है, जेएलआर को छोड़कर) के लिए सालाना 160 आधार अंक की वृद्धि का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है, ‘यह बेहतर सकल मार्जिन, लागत दक्षता और परिचालन किफायत पर केंद्रित होगा।’
तीसरी तिमाही के दौरान संपूर्ण पीवी उद्योग 14 प्रतिशत तक बढ़ा। पीएल के विश्लेषकों का कहना है कि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा ने 180 आधार अंक की बाजार भागीदारी हासिल की, जबकि मारुति सुजूकी इंडिया और टाटा मोटर्स ने इसमें 250 आधार अंक और 100 आधार अंक की गिरावट दर्ज की।
पीएल का कहना है, ‘पीवी सेगमेंट में वृद्धि को एसयूवी से बढ़ावा मिला। जहां रिटेल में लगातार मांग और डिस्काउंट की वजह से मजबूती आई, वहीं दिसंबर में कम लदान से उद्योग के लिए इन्वेंट्री स्तर घट गया।’
वाणिज्यिक वाहन (सीवी) उद्योग एक साल पहले के मुकाबले करीब 3 प्रतिशत तक बढ़ा। टाटा मोटर्स और अशोक लीलेंड को बाजार भागीदारी गंवानी पड़ी, जबकि महिंद्रा ऐंड महिंद्रा तथा वीईसीवी ने बढ़त बनाई।
मझोले एवं भारी वाणिज्यिक वाहन (एमऐंडएचसीवी) सेगमेंट का प्रदर्शन मजबूत बना रहा, क्योंकि इसे शानदार मांग से मदद मिली। ट्रैक्टर उद्योग में करीब 4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई। तिपहिया ने घरेलू बाजार में लगातार मजबूत वृद्धि दर्ज की। इस उद्योग की वृद्धि सालाना आधार पर करीब 38 प्रतिशत रही, जबकि निर्यात -14.4 प्रतिशत पर कमजोर रहा।
विश्लेषकों का कहना है कि जिंस कीमतें तीसरी तिमाही में काफी हद तक स्थर रहीं। मुख्य धातुओं में सबसे ज्यादा गिरावट आई। निकल में 14.2 प्रतिशत और तांबे में तिमाही आधार पर 2.7 प्रतिशत की गिरावट आई। हालांकि इस्पात कीमतें 1.5 प्रतिशत बढ़ीं और जस्ता में 1.9 प्रतिशत की तेजी आई। एल्युमीनियम और सीसा की कीमतें तिमाही आधार पर सपाट बनी रहीं।