वित्त वर्ष 2025-26 तक देश में इस्पात (स्टील) विनिर्माण की चार करोड़ टन की अतिरिक्त क्षमता के शुरू होने की उम्मीद है। लौह एवं इस्पात पर एसोचैम (Assocham) की राष्ट्रीय परिषद के चेयरमैन विनोद नोवाल ने दिल्ली में इंडिया स्टील समिट को संबोधित करते हुए यह बात कही।
उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2030-31 तक घरेलू इस्पात उत्पादन क्षमता के 30 करोड़ टन और कच्चे इस्पात के उत्पादन की क्षमता के 25.5 करोड़ टन होने की संभावना है।
नोवाल जेएसडब्ल्यू भूषण पावर एंड स्टील लिमिटेड (JSW Bhushan Power and Steel Ltd) के चेयरमैन भी हैं। उन्होंने कहा, ‘वित्त वर्ष 2025-26 तक 3.5-4 करोड़ टन की विनिर्माण क्षमता जुड़ने के लिए तैयार है।’
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उद्योग निकाय भारतीय इस्पात संघ (Indian Steel Association- ISA) के अनुसार, मार्च, 2023 तक देश की इस्पात विनिर्माण की स्थापित क्षमता 15.4 करोड़ टन है। अन्य चार करोड़ टन क्षमता जुड़ने से वित्त वर्ष 2025-26 तक कुल क्षमता 19.4 करोड़ टन हो जाएगी।