भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) के जांच आदेश के खिलाफ एशियन पेंट्स ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की है। पिछले महीने बंबई उच्च न्यायालय ने उसकी याचिका खारिज कर दी थी। इसके बाद उसने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है। जानकार सूत्रों ने यह बात बताई। आदित्य बिड़ला समूह की ग्रासिम इंडस्ट्रीज ने 1 जुलाई की शिकायत में कंपनी पर अपने दबदबे के कथित दुरुपयोग का आरोप लगाया था। इसके बाद सीसीआई ने इसकी जांच का आदेश दिया था।
बंबई उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि उसे याचिका में कोई दम नहीं मिला। एशियन पेंट्स की याचिका खारिज करते हुए अदालत के खंडपीठ ने कहा था कि ‘याची के इस तर्क में कोई दम नहीं है कि उसे तथ्यों के आधार पर सुना जाना चाहिए।’
उसने कहा कि ऐसी सुनवाई का अवसर देना या न देना प्रत्येक मामले के तथ्यों और परिस्थितियों के आधार पर सीसीआई के विवेक पर निर्भर करता है। अदालती रिकॉर्ड के अनुसार इस आदेश के खिलाफ एशियन पेंट्स की याचिका 9 अक्टूबर को सर्वोच्च न्यायालय में दर्ज की गई। एशियन पेंट्स ने इस मामले में उसे भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं दिया। ग्रासिम ने एशियन पेंट्स पर भारतीय सजावटी पेंट क्षेत्र में उसके प्रवेश और बढ़त को बाधित करने के इरादे से उसका बहिष्कार करने वाले व्यवहार में शामिल होने का आरोप लगाया था।
बिड़ला ओपस पेंट्स ब्रांड के तहत सजावटी पेंट क्षेत्र में हाल में प्रवेश करने वाली ग्रासिम ने एशियन पेंट्स पर डीलरों को कम क्रेडिट, लाभ या सहायता का डर दिखाकर बिड़ला ओपस के उत्पादों का स्टॉक न करने के लिए मजबूर करके, साझेदारों पर ग्रासिम की टिंटिंग मशीनें वापस करने का दबाव डालकर और प्रमुख आपूर्तिकर्ताओं, ट्रांसपोर्टरों तथा गोदाम सुविधाओं तक पहुंच को अवरुद्ध करक प्रतिस्पर्धा सीमित करने का आरोप लगाया है।