मद्रास उच्च न्यायालय ने भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) को तुर्किये की ग्राउंड और कार्गो हैंडलिंग फर्म सेलेबी की भारतीय कंपनी की जगह नई फर्म को जिम्मेदारी सौंपने के लिए निविदा की अनुमति दी है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने सेलेबी की भारतीय इकाई की सुरक्षा मंजूरी रद्द कर दी थी।
सोमवार को मामले की सुनवाई के दौरान एएआई ने मद्रास उच्च न्यायालय को सूचित किया कि हालांकि उसे नई ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो फर्म हायर करने के लिए निविदा जारी करनी होगी, लेकिन निविदा में इसका जिक्र किया जाएगा कि बोली प्रक्रिया मद्रास और दिल्ली उच्च न्यायालयों में सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की ओर से दायर मुकदमे के फैसले पर निर्भर केगी।
एएआई ने यह भी वादा किया कि सेलेबी के छोड़े गए उपकरणों का इस्तेमाल दूसरे ग्राउंड ऑपरेटर द्वारा नहीं किया जाएगा। एएआई ने कहा कि चेन्नई हवाई अड्डे को कम से कम तीन ग्राउंड हैंडलिंग और कार्गो प्रबंधन फर्मों की आवश्यकता है।
मई में ब्यूरो ऑफ सिविल एविएशन सिक्योरिटी(बीसीएएस) ने इस्तांबुल मुख्यालय वाली ग्राउंड हैंडलिंग फर्म सेलेबी एयरपोर्ट सर्विसेज इंडिया की सुरक्षा मंजूरी को राष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए रद्द कर दिया था। सेलेबी (जिसके भारत में 10,000 से अधिक लोग काम करते थे) देश भर के नौ प्रमुख हवाई अड्डों पर जमीनी सेवाएं देती थी। सेलेबी से जुड़े लोगों को अब इन हवाई अड्डों पर काम करने वाली अन्य ग्राउंड और कार्गो हैंडलिंग कंपनियों के संचालन में शामिल कर लिया गया है।
उस समय एक बयान में सेलेबी ने भारत में अपने स्वामित्व और संचालन से संबंधित ‘भ्रामक और तथ्यात्मक रूप से गलत आरोपों’ का स्पष्ट रूप से खंडन किया था। तब कंपनी ने कहा था कि सेलेबी एविएशन इंडिया का 65 प्रतिशत स्वामित्व कनाडा, अमेरिका, ब्रिटेन, सिंगापुर, यूएई और पश्चिमी यूरोप के अंतरराष्ट्रीय संस्थागत निवेशकों के पास है।