Apple के भारत में ऑपरेशन से इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 6 लाख नौकरियां पैदा होने की उम्मीद है। यह जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में दी गई है। कंपनी भारत में अपना उत्पादन बढ़ा रही है ताकि चीन पर निर्भरता कम की जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च तक भारत में Apple की 2 लाख सीधी नौकरियां होंगी, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाओं के लिए होंगी। ये आंकड़े कंपनी और उसके सप्लायर्स ने सरकार को दिए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, Apple के तीन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स— फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन (जो अब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स है), और पेगाट्रॉन— ने भारत में पहले ही 80,872 सीधी नौकरियां पैदा की हैं। Apple के भारत में ऑपरेशन से इस वित्तीय वर्ष के अंत तक 6 लाख नौकरियां मिलने की उम्मीद है। यह जानकारी इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में दी गई है।
कंपनी भारत में अपना उत्पादन बढ़ा रही है ताकि चीन पर निर्भरता कम की जा सके। रिपोर्ट के मुताबिक, मार्च तक भारत में Apple की 2 लाख सीधी नौकरियां होंगी, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाओं के लिए होंगी। ये आंकड़े कंपनी और उसके सप्लायर्स ने सरकार को दिए हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, Apple के तीन कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर्स— फॉक्सकॉन, विस्ट्रॉन (जो अब टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स है), और पेगाट्रॉन— ने भारत में पहले ही 80,872 सीधी नौकरियां पैदा की हैं। इसके अलावा, टाटा ग्रुप, सैलकॉम्प, मदरसन, फॉक्सलिंक (तमिलनाडु में), सनवोडा (उत्तर प्रदेश में), एटीएल (हरियाणा में), और जेबिल (महाराष्ट्र में) जैसे सप्लायर्स ने मिलकर लगभग 84,000 सीधी नौकरियां दी हैं।
रिपोर्ट में आगे बताया गया है कि हाल के सालों में Apple भारत में ब्लू-कॉलर नौकरियों का सबसे बड़ा क्रियेटर बनकर उभरा है। कंपनी के वर्कफोर्स में मुख्य रूप से महिलाओं के साथ-साथ इंडस्ट्री में पहली बार काम करने वाले लोग हैं। रिपोर्ट में एक अधिकारी के हवाले से बताया गया है, “2020 में स्मार्टफोन पीएलआई (उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना) शुरू होने के बाद से Apple के वेंडर्स और सप्लायर्स ने लगभग 1,65,000 सीधी नौकरियां दी हैं।”
तमिलनाडु में iPhone उत्पादन केंद्र
तमिलनाडु के होसुर में टाटा ग्रुप की दोहरी फैसिलिटी में समय के साथ करीब 50,000 लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। इस फैसिलिटी के पास स्थित iPhone प्रोडक्शन यूनिट में इस अक्टूबर से iPhone का कमर्शियल उत्पादन शुरू होने की योजना है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्पादन क्षमता को धीरे-धीरे बढ़ाया जाएगा। सरकार का अनुमान है कि इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग में हर डायरेक्ट नौकरी के लिए तीन अतिरिक्त अप्रत्यक्ष नौकरियां पैदा होती हैं। इसका मतलब है कि Apple इकोसिस्टम से मार्च के अंत तक 5,00,000 से 6,00,000 नौकरियां जनरेट हो सकती हैं।
जब 2020 में स्मार्टफोन पीएलआई योजना शुरू की गई थी, तो इसका उद्देश्य 2 लाख डायरेक्ट नौकरियां पैदा करना था। हालांकि इस योजना को 10 सेलेक्टेड कंपनियों के माध्यम से पांच साल में यह लक्ष्य हासिल करना था, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, Apple इकोसिस्टम ने यह लक्ष्य सिर्फ चार साल में ही पूरा कर लिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, Apple ने भारत में अपने चीन मॉडल को सफलतापूर्वक अपनाया है, जिसमें एक बड़ा इकोसिस्टम बनाकर काफी सारे रोजगार के अवसर पैदा किए गए हैं। पिछले 25 सालों में, Apple ने चीन में अपने उत्पादन और ऐप डेवलपमेंट के क्षेत्रों में 40 लाख से ज्यादा नौकरियां पैदा की हैं।
Apple पहली बड़ी कंपनी बन गई है जिसने अपनी सप्लाई चेन का एक हिस्सा चीन से तेजी से भारत में शिफ्ट किया है। 2021 से, Apple ने पहली बार चीन के बाहर भारत में iPhone असेंबल करना शुरू किया। तब से, भारत में iPhone का उत्पादन लगातार बढ़ रहा है, जो Apple के तीन कॉन्ट्रैक्ट निर्माताओं के जरिए हो रहा है।
वित्तीय वर्ष 2024 में भारत में iPhone का उत्पादन ₹1.20 लाख करोड़ तक पहुंच गया, जिसमें से ₹85,000 करोड़ का निर्यात हुआ। हालिया आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, अब भारत Apple के कुल उत्पादन का करीब 14 प्रतिशत हिस्सा बनाता है, जो वित्तीय वर्ष 2023 में लगभग 7 प्रतिशत था। इस बढ़त के साथ, भारत Apple के वैश्विक निर्यात का एक महत्वपूर्ण केंद्र बन गया है।