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भारत में बने iPhone अब अमेरिका में बिकेंगे, ऐपल ने बढ़ाई भारत पर निर्भरता

टिम कुक ने कहा – जून तिमाही में अमेरिका में बिकने वाले ज़्यादातर iPhone होंगे भारत में बने, चीन पर शुल्क के असर से बदली रणनीति

Last Updated- May 02, 2025 | 11:15 PM IST
Apple iPhone expensive in India even after price drop, impact of GST दाम घटने पर भी भारत में महंगा Apple iPhone, GST की मार का असर  

ऐपल के मुख्य कार्याधिकारी टिम कुक ने पुष्टि की है कि जून तिमाही के दौरान अमेरिकी बाजार में बिकने वाले अधिकतर आईफोन भारत में बने होंगे। शुल्क पर जारी जंग के बीच कंपनी अपनी आपूर्ति श्रृंखला पर नए सिरे से गौर कर रही है। उनका मानना है कि कंपनी के लिए शुल्क प्रभाव की लागत करीब 90 करोड़ डॉलर होगी।

कुक ने दूसरी तिमाही के नतीजे जारी करने के बाद विश्लेषकों से बातचीत में कहा, ‘जहां तक जून तिमाही का सवाल है तो हम उम्मीद करते हैं कि अमेरिका में बिकने वाले अधिकतर आईफोन के विनिर्माण का मूल देश भारत होगा। इसी प्रकार अमेरिका में बिकने वाले लगभग सभी आईपैड, मैक, ऐपल वॉच और एयरपॉड्स जैसे उत्पादों का मूल उत्पादन देश वियतनाम होगा।’ उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका के बाहर बिकने वाले अधिकतर उत्पादों के विनिर्माण का मूल देश चीन बरकरार रहेगा।

कुक ने कहा, ‘ऐसे में जब आप हमारे लिए लागू मौजूदा शुल्क श्रेणियों पर गौर करेंगे तो पाएंगे कि जून तिमाही के लिए हमारा अधिकतर शुल्क 20 फीसदी पर फरवरी के आईईईपीए से संबंधित है। यह अमेरिका में आयातित उन उत्पादों पर लागू होता है जिनका मूल विनिर्माण देश चीन है। साथ ही चीन के मामले में अप्रैल में घोषित कुछ उत्पाद श्रेणियों के आयात पर 125 फीसदी का अतिरिक्त शुल्क लगाया गया है।’

एक विश्लेषक द्वारा पूछे जाने पर कुक ने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत बनाने के लिए उसमें विविधता लाने की प्रक्रिया लगातार जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि आपूर्ति श्रृंखला में हमेशा जोखिम रहता है। उन्होंने कहा, ‘हमने कुछ ही समय पहले भलीभांति सीखा है कि सब कुछ एक ही जगह पर रखना काफी जोखिम भरा होता है। इसलिए हमने समय के साथ-साथ पूरी आपूर्ति श्रृंखला को नहीं बल्कि उसके कुछ हिस्सों के लिए नए स्रोत तैयार किए हैं। आप देखेंगे कि भविष्य में भी यह प्रक्रिया जारी रहेगी।’

तिमाही के दौरान कंपनी की आय एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 5 फीसदी बढ़कर 95.4 अरब डॉलर हो गई। इसी प्रकार प्रति शेयर तिमाही आय 1.65 डॉलर रही जो एक साल पहले की समान अवधि के मुकाबले 8 फीसदी अधिक है।

फिलहाल स्मार्टफोन जैसी हाईटेक वस्तुओं को अमेरिकी शुल्क के दायरे से बाहर रखा गया है। कुक ने कहा, ‘आईफोन, मैक, आईपैड, ऐपल वॉच और विजन प्रो सहित हमारे अधिकतर उत्पाद अप्रैल में घोषित वैश्विक जवाबी शुल्क के दायरे से बाहर हैं क्योंकि वाणिज्य मंत्रालय ने सेमीकंडक्टर, सेमीकंडक्टर विनिर्माण उपकरण और सेमीकंडक्टर के साथ डाउनस्ट्रीम उत्पादों के आयात में धारा 232 की जांच शुरू की है।’

ऐपल ने यह भी कहा कि भारत सहित अन्य भौगोलिक क्षेत्रों का प्रदर्शन काफी अच्छा रहा है। कुक ने कहा, ‘हमने ब्रिटेन, स्पेन, फिनलैंड, ब्राजील, चिली, तुर्की, पोलैंड, भारत और फिलीपींस सहित दुनिया के तमाम देशों और क्षेत्रों में कई प्रकार के तिमाही रिकॉर्ड बनाए हैं।’

ऐपल इस साल से भारत में अपने खुदरा कारोबार का भी विस्तार करेगी। इससे भारत में उसके रिटेल स्टोरों की संख्या बढ़कर 4 हो जाएगी। तमाम अनिश्चितताओं के बावजूद ऐपल की स्थापित क्षमता लगभग हर भौगोलिक क्षेत्र में सर्वकालिक ऊंचाई पर पहुंच गई है। केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, ऐपल ने पिछले वित्त वर्ष के दौरान भारत से 1.5 लाख करोड़ रुपये से अधिक के आईफोन का निर्यात किया था। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने कुल 2 लाख करोड़ रुपये से अधिक मूल्य के स्मार्टफोन के निर्यात किए जो पिछले साल के मुकाबले 54 फीसदी अधिक है।

First Published - May 2, 2025 | 11:15 PM IST

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