तेल से लेकर दूरसंचार क्षेत्र में सक्रिय रहने वाली दिग्गज कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज (आरआईएल) की कुल कमाई वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाई में क्रमिक रूप से कमजोर हो सकती है। विश्लेषकों का कहना है कि कंपनी सालाना आधार पर मामूली वृद्धि दर्ज कर सकती है।
इसके अलावा रिफाइनिंग मार्जिन में कमी से अन्य कारोबारों से होने वाले मुनाफे में भी कमी आने की उम्मीद है। आरआईएल 19 जुलाई को वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में अपने वित्तीय प्रदर्शन की रिपोर्ट पेश करने वाली है। ब्लूमबर्ग पोल में 11 विश्लेषकों ने 2.30 लाख करोड़ रुपये के राजस्व का अनुमान लगाया है और 9 विश्लेषकों ने 16,634 करोड़ रुपये के समायोजित शुद्ध आय का अनुमान लगाया है।
नुवामा के विश्लेषकों ने कंपनी से जुड़े अपने नोट में कहा है, ‘हम ओ2सी को छोड़कर सभी क्षेत्रों में मजबूत प्रदर्शन के आधार पर आरआईएल के कुल एबिटा में सालाना आधार पर 4 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान लगाते हैं।’ एबिटा ब्याज, कर, मूल्यह्रास से पहले होने वाली कमाई है।
कोटक सिक्योरिटीज के एक विश्लेषक ने भी इसी तरह के विचार रखे। उन्होंने कहा, ‘हम यह उम्मीद करते हैं कि आरआईएल के कुल एबिटा में क्रमिक आधार पर 8 प्रतिशत की गिरावट होगी और यह कमजोर ओ2सी प्रदर्शन और डिजिटल सेवाओं तथा संगठित खुदरा क्षेत्र में सुस्त वृद्धि के चलते होगा।’
ओ2सी आरआईएल के तेल एवं रसायन कारोबार को दर्शाता है। उन्होंने कहा, ‘हम उम्मीद करते हैं कि कमजोर रिफाइनिंग और पेट्रोकेम के कारण ओ2सी एबिटा में सालाना आधार पर 11 प्रतिशत की गिरावट की उम्मीद कर रहे हैं।’
सेंट्रम के विश्लेषकों ने भी कहा, ‘बेहतर क्षमता उपयोग, बेहतर पेट्रोकेम कीमतों और मार्जिन के बावजूद कच्चे तेल को रिफाइन करने के कुल मार्जिन (जीआरएम) में क्रमिक रूप से सुधार के चलते रिलायंस के ओ2सी सेगमेंट के प्रदर्शन पर असर पड़ने की संभावना है।’
येस सिक्योरिटीज के विश्लेषकों ने प्रमुख प्रदर्शन के मापदंडों के संदर्भ में कहा कि वे 10.5 डॉलर प्रति बैरल की जीआरएम, 183 रुपये पर प्रति यूनिट दूरसंचार औसत राजस्व (एआरपीयू) और खुदरा राजस्व में सालाना 14 प्रतिशत की वृद्धि की उम्मीद करते हैं। आरआईएल के दूरसंचार विभाग, रिलायंस जियो ने इस महीने से लागू होने वाली टैरिफ बढ़ोतरी की है।