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यूरोप की चुनौतियों के बीच Tata Steel की नई रणनीति, CFO बोले- कम खर्च और ज्यादा मुनाफा पर जोर

टाटा स्टील के कार्यकारी निदेशक और CFO कौशिक चटर्जी ने घरेलू बाजार में स्टील पर सुरक्षा शुल्क और अस्थिर दुनिया में मजबूती की उम्मीद वाले भारत जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की।

Last Updated- April 13, 2025 | 10:16 PM IST
Koushik Chatterjee
टाटा स्टील के कार्यकारी निदेशक और CFO कौशिक चटर्जी

टाटा स्टील ने हाल ही में नीदरलैंड में ​स्थित अपने कारोबार में बड़े परिवर्तन कार्यक्रम की घोषणा की है जिससे लगभग 1,600 नौकरियों के प्रभावित होने की संभावना है। वीडियो साक्षात्कार में टाटा स्टील के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी कौशिक चटर्जी ने ईशिता आयान दत्त के साथ पुनर्गठन बदलाव की योजनाओं की शुरुआत से लेकर घरेलू बाजार में स्टील पर सुरक्षा शुल्क और अस्थिर दुनिया में मजबूती की उम्मीद वाले भारत जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की। प्रमुख अंशः 

टाटा स्टील का नीदरलैंड का परिचालन, ब्रिटेन के परिचालन की तुलना में हमेशा से आत्मनिर्भर रहा है। लेकिन हाल के समय में इसमें गिरावट देखी गई, ऐसा क्यों?

पूरे यूरोप में स्टील उद्योग में नीदरलैंड का परिचालन संरचनात्मक रूप से सबसे अधिक प्रतिस्पर्द्धी परिसंपत्ति रहा है। इसका कार्बन उत्सर्जन एक बेंचमार्क स्तर पर है और इसमें वाहन, इंजीनियरिंग, टिनप्लेट क्षेत्र से जुड़े परिचालन उत्पादों का मिश्रण है। यूक्रेन युद्ध के चलते गैस, ऊर्जा और श्रम जैसी लागतों में बढ़ोतरी और कई मोर्चे पर नियामकीय लागत में भी बढ़ोतरी हुई। जब लागत में बढ़ोतरी होती है तब स्वाभाविक रूप से मुनाफा कम होने लगता है। इसलिए, हमें लागतों की समीक्षा करनी पड़ी और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए नए सिरे से योजना बनानी पड़ी। हमने भारत सहित अपने सभी संयंत्रों का तुलनात्मक रूप से जायजा लिया। बाहरी प्रभावों की वजह से पैदा हुई अस्थिरता के बीच हमें यह सुनिश्चित करना होगा कि उस क्षेत्र में लाभ का स्तर बढ़े। इस बदलाव कार्यक्रम की यह एक शुरुआत है।

क्या आपने बदलाव वाली इस योजना पर अमल करना शुरू कर दिया?

हमने लागत कम करने की पहल शुरू कर दी है। लेकिन कर्मचारियों से जुड़े किसी भी मामले में हमें सेंट्रल वर्क्स काउंसिल (सीडब्ल्यूसी) से सलाह लेनी होगी। इसके लिए गंभीर बातचीत की जरूरत है। टाटा स्टील नीदरलैंड के मुनाफे को बढ़ाने और इसे स्टील उद्योग में खासकर यूरोपीय संदर्भ में फिर से एक मानक बनाने का अवसर है। यह बदलाव कार्यक्रम नीचे से ऊपरी स्तर पर बढ़ाया जाएगा और हम लागत कम करने और कार्यक्षमता बढ़ाने के लिए लगातार प्रयास करेंगे। 

बाहरी स्तर पर फिलहाल काफी अस्थिरता है। क्या बदलाव का यही कारण है?

पिछले 18 महीनों में कच्चे माल की कीमतें कम हुईं लेकिन स्टील की कीमतें उससे भी ज्यादा तेजी से गिरीं। ऐसी स्थिति में, नियंत्रित लागतों और आंतरिक परिचालन संकेतकों पर ध्यान देना महत्वपूर्ण हो जाता है। व्यावसायिक स्तर पर, उत्पाद में सुधार करना, कच्चे माल की क्षमता और उन सभी लागतों पर ध्यान देना जरूरी है जिन्हें नियंत्रित किया जा सकता है ताकि बाजार के कारण कम हुए मुनाफे की भरपाई आंतरिक लागत से की जा सके। यह एक स्थिति के प्रति एक प्रतिक्रिया है और हम सुधार पर ध्यान देना जारी रखेंगे। टाटा स्टील में, 1995 में शुरू हुआ सुधार का सफर थमा नहीं है। लागत मुद्रास्फीति और बाहरी स्थितियों के कारण यह हमेशा बाहरी स्तर पर स्पष्ट नहीं होता है, लेकिन कोक दरों और अन्य प्रमुख परिचालन प्रदर्शन संकेतकों (केपीआई) जैसे प्रमुख मापदंडों में हर साल सुधार किया जाता है। इसी तरह, नीदरलैंड, ब्रिटेन और हर जगह यह रुझान बनना चाहिए।

क्या इस बदलाव में शुल्क युद्ध की कोई भूमिका थी?

इस बदलाव का मुख्य कारण स्टील की कीमतों का रुझान और बाजार का प्रभाव था जो कई वर्षों के निचले स्तर पर था। हर महीना पिछले महीने से ज्यादा मुश्किल और चुनौतीपूर्ण होता जा रहा था। 

कंपनी को बेहतर तरीके से व्यवस्थित करने वाली बदलाव योजना से 50 करोड़ यूरो से ज्यादा की बचत की उम्मीद है। इसमें कर्मचारी कटौती का कितना योगदान है?

यह संरचनात्मक सुधारों का लगभग 25 प्रतिशत होगा।

नीदरलैंड में नौकरी कटौती का असर कर्मचारी संगठन पर भी नकारात्मक तौर पर पड़ा है। आप इसे लागू करने के लिए कितने आश्वस्त हैं?

इस बारे में नीदरलैंड में बातचीत चल रही है। हम अपने सभी हितधारकों के साथ लगातार और व्यापक बातचीत कर रहे हैं। वे मौजूदा माहौल में आने वाली कठिनाइयों से वाकिफ हैं और हम टाटा स्टील नीदरलैंड के बेहतर और स्थिर भविष्य के लिए सीडब्ल्यूसी के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुझे उम्मीद है कि टाटा स्टील नीदरलैंड के भविष्य से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े रहने वाले सभी लोग इस बात को समझेंगे और मानेंगे कि ये संरचनात्मक उपाय और बदलाव आवश्यक हैं। प्रतिस्पर्धात्मकता को बरकरार रखना इसका अहम हिस्सा है।

First Published - April 13, 2025 | 10:16 PM IST

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