ऑनलाइन खुदरा कंपनी एमेजॉन ने एक्सियो (पूर्व में कैपिटल फ्लोट) का अधिग्रहण पूरा कर लिया है। इससे पहले एमेजॉन को यह अधिग्रहण पूरा करने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से अनुमति मिल गई थी। कंपनी को इससे भारत में वित्तीय सेवा क्षेत्र में मौजूदगी बढ़ाने में काफी मदद मिलेगी।
ई-कॉमर्स कंपनी एमेजॉन ने इस सौदे को भारत में अपने सबसे बड़े सौदों में से एक बताया है। कंपनी के प्लेटफॉर्म पर एक्सियो छह वर्षों से ‘बाय नो पे लेटर’ सुविधा दे रही थी मगर अब इस अधिग्रहण के बाद डिजिटल माध्यम से ऋण सुविधा देने वाला यह प्लेटफॉर्म एमेजॉन के नियंत्रण में आ गया है। ‘बाय नो पे लेटर’ सुविधा में ग्राहक समान खरीद कर रकम का भुगतान मासिक किस्तों पर करते हैं।
यह अधिग्रहण एमेजॉन को ऋण योजनाओं एवं अन्य सेवाओं में उतरने में मदद करेगा। एमेजॉन ने इस सौदे की वित्तीय शर्तों का खुलासा तो नहीं किया मगर इस मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने कहा कि यह अधिग्रहण 20 करोड़ डॉलर में हुआ है। एक्सियो के सभी मौजूदा निवेशक सौदे की शर्तों के तहत बाहर हो गए हैं जबकि कंपनी के संस्थापक शीर्ष पर बने रह सकते हैं।
एमेजॉन में उपाध्यक्ष (भुगतान) महेंद्र नेरूरकर ने कहा, ‘6 भारतीयों में केवल 1 के पास चेकआउट फाइनैंसिंग की सुविधा है। इसे देखते हुए इसे अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचाना एमेजॉन की प्राथमिकता है। पिछले छह वर्षों में एक्सियो के साथ हमारी साझेदारी ने हमें 1 करोड़ से अधिक ग्राहकों को क्रेडिट सुविधा उपलब्ध कराने में मदद पहुंचाई है।‘नेरूरकर ने कहा कि उनकी कंपनी का मकसद इस बात के इर्द-गिर्द रहा है कि भुगतान एवं वित्तीय सेवाओं को कैसे अधिक सुविधाजनक, भरोसेमंद और फायदेमंद बनाकर लोगों का जीवन सरल बनाया जाए।
एमेजॉन की सहायक कंपनी के रूप में एक्सियो अपने मौजूदा नेतृत्व के तहत काम करना जारी रखेगी। एक्सियो के पास प्रबंधनाधीन 2,200 करोड़ रुपये की संपत्ति थी। एक्सियो के सह-संस्थापक शशांक ऋष्यश्रृंगा और गौरव हिंदुजा ने कहा, ‘एमेजॉन के साथ हुआ यह सौदा हमें अधिक से अधिक लोगों को ऋण सुविधा उपलब्ध कराने के हमारे अभियान को गति देगा। ऐमजॉन की पहुंच, ग्राहक पर विशेष ध्यान देने की उसकी खूबी और उसके बहीखाते के साथ हमें अगले 10 करोड़ भारतीयों तक डिजिटल उधारी की सुविधा उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी।‘