एयर इंडिया के मुख्य कार्याधिकारी कैम्पबेल विल्सन ने सोमवार को कहा कि एयरलाइन ने अपनी 40 करोड़ डॉलर की केबिन रीफर्बिशमेंट योजना में तेजी लाने का लक्ष्य रखा है और उम्मीद है कि वह 2024 की दूसरी छमाही से अपनी यूरोपीय और अमेरिकी उड़ानों में बेहतर ग्राहक अनुभव मुहैया कराने में सक्षम होगी।
विल्सन एयरलाइन के कायाकल्प की संभावना तलाश रहे हैं। एयरलाइन ने पिछले साल नियुक्तियों में इजाफा किया और कई नए मार्गों पर सेवाएं शुरू की हैं। एयरलाइन ने जिन 470 विमानों की खरीद का ऑर्डर दिया है, उनमें से 6 एयरबस ए350 विमान इस साल उसके बेड़े में शामिल हो जाएंगे। इन विमानों की खरीद के लिए रकम की व्यवस्था आंतरिक स्रोतों, इक्विटी और बिक्री तथा लीज बैक मोड के जरिये की जाएगी।
उन्होंने पत्रकारों को बताया, ‘हमें पहला विमान (रीफर्बिश्ड केबिन के साथ) 2024 के जून या जुलाई में सेवा में आने का अनुमान है। हम इस प्रक्रिया में हरसंभव तेजी लाना चाहेंगे। सीटों की इंजीनियरिंग एवं पारंपरिक निर्माण को लेकर समय का अभाव है और हम इस दिशा में तेजी से कार्य नहीं कर सकते। हालांकि मैं यह भरोसे के साथ कह सकता हूं कि 2024 की दूसरी छमाही तक रीफर्बिशमेंट यानी कायाकल्प के साथ नया विमान तैयार हो जाएगा और यह यात्रियों को एक बेहद अलग एवं खास अनुभव मुहैया कराएगा।’
विल्सन ने कहा कि एयरलाइन ने बोइंग 777 और 787 जैसे मौजूदा बड़े विमानों में टूटी सीटों, कुशन की मरम्मत और उन्हें बदलने में तेजी दिखाई है। इन विमानों के बिजनेस क्लास केबिन में इन-फ्लाइट एंटरटेनमेंट सिस्टम को भी चालू किया गया है।
जहां बोइंग 777 विमान उत्तर अमेरिका के लिए उड़ान भरते हैं, वहीं 787 विमानों को यूरोप, पूर्वी एशिया तथा आस्ट्रेलियाई मार्गों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है। हालांकि एयर इंडिया को भारत-अमेरिकी मार्गों पर कमजोर पड़ रही प्रतिस्पर्धा से फायदा हो रहा है, लेकिन उसे चालक दल के अभाव की वजह से कुछ उड़ानें रद्द करने के लिए बाध्य होना पड़ा है।
विल्सन ने कहा कि एयरलाइन हर महीने 500 पायलटों को शामिल कर रही है और उसे भरोसा है कि इससे एयरलाइन की विस्तार जरूरतें पूरी होंगी। अल्पावधि में एयरलाइन विदेशी पायलटों और वैश्विक एयरलाइनों के साथ काम करने वाले भारतीय पायलटों की भी तलाश कर रही है।
पिछले साल टाटा समूह ने एयर इंडिया का अधिग्रहण किया था और अब वह अपनी सभी एयरलाइनों के समेकन की प्रक्रिया से गुजर रहा है। विस्तारा को एयर इंडिया के साथ विलय किया जाएगा और एंटी-ट्रस्ट प्राधिकरणों की मंजूरी विचाराधीन है। टाटा समूह ने एयर इंडिया को संपूर्ण सेवा प्रदान करने वाली एयरलाइन के तौर पर बरकरार रखने का भी निर्णय लिया है, लेकिन विस्तारा का दबदबा भी बनाए रखे जाने की योजना है।
ब्रांड कायाकल्प के लिए ब्रिटिश कंसल्टेंट को अपने साथ जोड़ने वाली एयर इंडिया अपने महाराजा शुभंकर को भी बनाए रखेगी। एक सवाल के जवाब में विल्सन ने कहा कि एयरलाइन ने अपनी शराब परोसने की नीति की समीक्षा की है।