RIL के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने गुरुवार को बड़े स्तर पर आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) अपनाने की जोरदार वकालत की और तर्क दिया कि अत्याधुनिक तकनीक सभी सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि वाले भारतीयों के लिए सभी उपकरणों पर सुलभ होनी चाहिए। दूरसंचार कंपनी ने एआई को बढ़ावा देने के संबंध में कृषि, शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और छोटे कारोबारों को शुरुआत के प्रमुख ध्यान वाले क्षेत्रों के रूप में तय किया है।
अंबानी ने कहा ‘हमारा मानना है कि एआई कुछ चुनिंदा लोगों के लिए ही सुविधा नहीं होनी चाहिए। एआई सेवाएं सभी उपकरणों पर उपलब्ध होनी चाहिए, सिर्फ महंगे, हाई-एंड वाले उपकरणों पर ही नहीं।’
उन्होंने कहा कि इसके लिए ऐसे डिलिवरी मॉडल की जरूरत है जहां एआई सेवाएं और एआई द्वारा संसाधित डेटा दोनों ही क्लाउड पर पेश किए जाते हों। इसमें प्रत्येक उपयोगकर्ता को अपने डेटा और एआई सेवाओं को कहीं से भी, किसी भी उपकरण पर कम क्षमता वाले उस ब्रॉडबैंड नेटवर्क पर एक्सेस की सुविधा हो, जिसे कंपनी ‘कनेक्टेड इंटेलिजेंस’ कहती है।
जियो के ‘हर जगह हर किसी के लिए एआई’ दृष्टिकोण के बारे में बताते हुए अंबानी ने एआई को लोकतांत्रिक बनाने और भारत में हर किसी को सबसे किफायती दामों पर शक्तिशाली एआई मॉडल तथा सेवाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता जताई। उन्होंने कहा कि कंपनी जियोफोनकॉल एआई शुरू करेगी जिससे उपयोगकर्ता को फोन पर होने वाली बातचीत रिकॉर्ड करने, लिखने और अनुवाद की सुविधा होगी। इस तरह उनके लिए विभिन्न भाषाओं में सर्च करना, शेयर करना और समझना आसान हो जाएगा।
उन्होंने जियो-क्लाउड वेलकम की पेशकश का भी ऐलान किया, जिसमें जियो के उपयोगकर्ताओं को 100 जीबी तक मुफ्त क्लाउड स्टोरेज मिलेगा।